ऑप्थेलमोलॉजी में एमएस, एमबीबीएस कुलदीप डोले ने आईएएनएस को बताया,
"भारत में औसतन 23-30 प्रतिशत बच्चे मायोपिया से ग्रसित हैं, इनमें खासकर
वे बच्चे शामिल हैं, जो शहरी क्षेत्र में रहते हैं और बाहर धूप में कम समय
बिताते हैं। प्रमुख तौर पर टीवी, मोबाइल, कंप्यूटर स्क्रीन और अन्य डिजिटल
डिवाइस की वजह से बच्चों की दृष्टि पर बहुत प्रभाव पड़ रहा है।" ये भी पढ़ें - धन नहीं, वक्त की अहमियत देती है खुशी
उन्होंने
आगे कहा, इसके अलावा वायु प्रदूषण भी उन कारणों में शामिल हैं, जिसकी वजह
से आंखों को ज्यादा रगड़ने से भी आंखें कमजोर होती हैं। 12 साल की
कम उम्र के बच्चों की आंखों की दृष्टि को बचाने के लिए उन्हें उच्च पोषण
युक्त आहार देने की जरूरत है और पर्याप्त नींद के साथ स्क्रीन के प्रयोग को
कम करने की जरूरत है।
--आईएएनएस
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