बॉलीवुड में आदित्य चोपडा का नाम एक ऐसे फिल्मकार के तौर पर शुमार किया जाता है जिन्होंने अपनी रोमांटिक फिल्मों के जरिये दर्शकों के दिलो पर खास पहचान बनाई। वर्ष 1970 अपने बडे भाई से अलग होकर यश चोपडा ने अपना बैनर यशराज फिल्म्स के नाम से शुरू किया। एक वर्ष बाद उनके यहां आदित्य चोपडा (21 मई 1971) का जन्म हुआ। 18 साल की उम्र में आदित्य चोपडा ने अपने पिता यश चोपडा के साथ बतौर सहायक निर्देशक काम करना शुरू किया। वर्ष चांदनी (1989), लम्हे (1991) और डर (1993) में उन्होंने बतौर सहायक निर्देशक अनुभव लिया। वर्ष 1992 में उन्होंने अपने पिता यश चोपडा के लिए ‘परम्परा’ की पटकथा लिखी और वर्ष 1993 में उन्होंने अपनी मां पामेला चोपडा की फिल्म ‘आईना’ में उन्होंने बतौर सहायक निर्देशक काम किया। यह अकेली ऐसी फिल्म थी जिसका निर्देशन यश चोपडा ने नहीं बल्कि दीपक सरीन ने किया। बतौर निर्देशक पांच वर्ष के अनुभव के बाद उन्होंने अपने पिता के बैनर तले पहली निर्देशित फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे’ का निर्देशन किया। मात्र 23 वर्ष की उम्र में उनके द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने विश्व स्तर पर सबसे ज्यादा समय तक सिनेमाघरों में दिखायी गई फिल्म का रिकॉर्ड स्थापित किया। इस फिल्म में शाहरूख खान और काजोल की जोडी को दर्शकों ने बेहद पसंद किया। इस फिल्म के लिये आदित्य सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के ‘फिल्म फेयर पुरस्कार’ से भी सम्मानित किये गये। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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