25 साल के इस युवा ने कहा, विकेट बहुत अच्छा था। वो वानखेड़े का विकेट जैसा
होता है वैसा ही था। हमें पता था कि अगर हमें 200 का लक्ष्य भी मिला तो हम
हासिल कर लेंगे। उससे पहले क्वालीफायर-1 में विकेट बल्लेबाजों के लिए
अच्छा नहीं था। ऐसे में हैदराबाद की टीम अच्छा करती है। बेशक उनका गेंदबाजी
आक्रमण शानदार था, लेकिन वो वहां डिफेंड अच्छे से कर पा रहे थे जहां विकेट
गेंदबाजों के लिए ज्यादा मददगार था। लेकिन वानखेड़े का विकेट ऐसा नहीं था।
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फाइनल में शेन वाटसन ने 57 गेंदों में 117 रनों की तूफानी पारी खेल चेन्नई
को तीसरा आईपीएल खिताब दिलाया। वाटसन के बारे में दीपक ने कहा कि फाइनल
में ऐसी पारी एक अनुभवी और बड़ा खिलाड़ी ही खेल सकता है। उन्होंने कहा, ऐसी
पारी फाइनल में बड़ा बल्लेबाज ही खेल सकता है। शुरू के 10 गेंदों में
उन्होंने एक रन बनाया था लेकिन उसके बाद शानदार बल्लेबाजी की। इसके लिए
अनुभव चाहिए।
हमारी टीम जब बनी थी तो सबने कहा था कि बूढ़ों की टीम है,
लेकिन ऐसी टीम धोनी भाई ने जानबूझ के बनाई थी क्योंकि इस प्रारुप में अनुभव
भी काफी मायने रखता है। वाटसन ने जब खाली गेंदें निकालीं तो उन्हें पता था
कि वह बाद में कवर कर सकते हैं यही अनुभव होता है। वाटसन के पास अनुभव है।
उन्होंने अपने खेल से काफी मैच जिताएं हैं। आईपीएल से पहले चेन्नई को
बूढ़ों की टीम कहा जा रहा था। इस बारे में कभी ड्रेसिंग रूम में बात हुई?
इस पर दीपक ने कहा, इस तरह की बातें होती थीं। माही भाई कहते थे कि हमारी
उम्र ज्यादा है तो हम सर्वश्रेष्ठ फील्डिंग टीम न बन सकें, लेकिन हम
स्मार्ट बन सकते हैं। फील्डिंग में अतिरिक्त रन नहीं दें। बैकअप अच्छे से
करें। हमें आसान कैच नहीं छोडऩे, आसान फील्डिंग नहीं छोडऩी है। उनको पता है
कि कैसे टीम को चलाना है।
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हम जल्द से जल्द लक्ष्य हासिल करना चाहते थे - पंत
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