लखनऊ। भारत ने रविवार को एफआईएच जूनियर हॉकी विश्व कप के फाइनल मुकाबले में
बेल्जियम को मात देकर 15 साल के सूखे को खत्म करते हुए दूसरी बार विश्व
चैम्पियन का खिताब जीत लिया।
भारत ने खिताब की आशा लिए पहली बार फाइनल में पहुंची बेल्जियम की उम्मीदों
पर पानी फेरते हुए 2-1 से जीत हासिल की।
लखनऊ के मेजर ध्यानचंद
स्टेडियम में खेले गए खिताबी मुकाबले में भारत के लिए गुरजंत सिंह और
सिमरनजीत सिंह ने गोल किए। भारत की जीत में गोलकीपर विकास दहिया ने भी अहम
भूमिका निभाई। गुरजंत ने मुकाबले के आठवें मिनट में फील्ड गोल करते
हुए भारत का खाता खोला। इसके बाद अपने खेल को तेज करते हुए 22वें मिनट में
सिमरनजीत ने एक और शानदार फील्ड गोल कर भारत की बढ़त को 2-0 कर दिया।
इस
बीच, बेल्जियम के खिलाड़ियों ने गोल करने की काफी कोशिश की लेकिन उनकी सभी
कोशिशें नाकाम रहीं। भारत को इस मुकाबले में चार बार पेनाल्टी कॉर्नर
मिले, लेकिन चारों बार भारतीय टीम गोल करने में असफल रही। बेल्जियम
को 53वें मिनट में गोल करने का शानदार अवसर मिला लेकिन विकास ने बेहतरीन
बचाव करते हुए बेल्जियम की कोशिश को सफल नहीं होने दिया।
भारतीय रक्षापंक्ति ने मैच के अखिरी मिनट तक बढ़त कायम रखा। मैच
के आखिरी मिनट में बेल्जियम को पेनाल्टी कॉर्नर मिला, जिस पर वे गोल करने
में सफल रहे। हालांकि, यह गोल उन्हें जीत दिलाने में नाकाफी साबित हुआ।
भारतीय
टीम के खिलाड़ी गुरजंत सिंह को मैन ऑफ द मैच चुना गया। भारतीय टीम ने 2001
में अर्जेटीना को मात देकर पहली बार इस खिताब पर कब्जा जमाया था।
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