चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हरियाणा में वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी के बाधारहित क्रियान्वयन के लिए एक टास्क फोर्स गठित की जाएगी। इसमें व्यापारियों, अधिवक्ताओं, चार्टर्ड अकाउंटेंट व सूचना प्रोद्यौगिकी से जुड़े लोगों के अलावा सरकारी अधिकारियों को शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह जानकारी पंचकूला में हरियाणा आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा आयोजित जीएसटी शिखर सम्मेलन-हरियाणा के शुभारंभ अवसर पर दी। उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य है, जिसने जीएसटी के क्रियान्वयन में पहल करते हुए शिखर सम्मेलन बुलाया है और आशा है कि इस सम्मेलन से अच्छे सुझाव निकलकर आएंगे। उन्होंने कहा कि जीएसटी बिल के बाद पूरे देश में एक समान टैक्स होने से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और विषमताएं दूर होंगी।
आबकारी एवं कराधान मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने सम्मेलन में आए व्यापारियों, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, अधिवक्ताओं, केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारियों से कहा कि जीएसटी पर 50 प्रतिशत से अधिक राज्यों ने अपनी सहमति दी है और पहली अप्रैल, 2017 तक इसे लागू करने की केंद्र सरकार की समय सीमा है। उन्होंने कहा कि जीएसटी ऑनलाइन लागू होने से कर प्रणाली में सुधार होगा। साथ ही व्यापारियों को परेशानी से बचाने के साथ-साथ पूरे देश में आसानी से कारोबार करने की सुविधा उपलब्ध होगी और जीएसटी के लागू होने से वस्तुओं के मूल्यों में कमी आएगी।
सम्मेलन में उद्योग व वाणिज्य मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि जीएसटी देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में एक क्रांतिकारी कदम होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारत में लागू करवाकर विश्व को नया संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्कील्ड इंडिया जैसे कार्यक्रमों के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
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