वॉशिंगटन। जनवरी के आखिर में उत्तरी इराक में लड़ रहे इस्लामिक स्टेट (आईएस) के 2 आतंकवादी नदी किनारे खड़े होकर अपने हाथ लगे एक नए हथियार का प्रदर्शन करते देखे गए। दरअसल यह एक छोटा सा ड्रोन था। यह ड्रोन करीब 6 फुट चौड़ा था और इसके साथ एक छोटा बम भी बंधा हुआ था। दोनों आतंकियों ने इस ड्रोन को लॉन्च कर एक दूसरे ड्रोन से उसकी वीडियो बनाई। दोनों ड्रोन्स एक जैसे थे। यह ड्रोन फिर मोसुल के उस हिस्से पर से गुजरा, जिस पर इराकी गठबंधन सेना का कब्जा है। वहां इराकी सेना के एक आउटपोस्ट के ऊपर से गुजरते ड्रोन ने बम नीचे गिरा दिया। इस बम के धमाके से इराकी सेना में भगदड़ मच गई। अगले ही पल एक सैनिक जमीन पर गिरा नजर आया। उस सैनिक की या तो मौत हो चुकी थी, या वह घायल हो गया था। [# यह है अनोखा कोर्ट, यहां नहीं मिलती तारीख पे तारीख] [# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
यह इस तरह की अकेली घटना नहीं है। पिछले कुछ हफ्तों में आईएस की ओर से ऐसे कई ड्रोन हमले किए गए हैं। इन ड्रोन्स को संभालने और इनसे हमले करने के लिए पिछले महीने आईएस ने ‘मानवरहित एयरक्राफ्ट मुजाहिदीन’ का भी गठन किया। यह यूनिट इराकी गठबंधन के साथ हो रहे युद्ध में बम लगे इन ड्रोन्स के दस्ते का इस्तेमाल करेगी। आईएस का दावा है कि एक हफ्ते के अंदर ही 39 इराकी सैनिक ड्रोन्स हमले में मारे गए और हताहत हुए हैं। आईएस के आधिकारिक न्यूजलेटर अल-नाबा ने अपने ड्रोन्स दस्ते के बारे में बताते हुए लिखा, ‘काफिरों के लिए खौफ की एक नई चीज।’
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