जयपुर। बच्चों की गतिविधियों, उपलब्धियों और उनके पालन-पोषण से जुड़ी चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। राजस्थान में पुलिस के ताजा आंकड़े कुछ ऐसी ही तस्वीर पेश कर रहे हैं, जो बता रहे हैं कि बाल अपराध बढ़ा है। राजस्थान के मासूम गलत संगत, आदतों और मजबूरियों के चलते अपराध की दुनिया में कदम रख रहे हैं। पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, बाल अपराध के मामले में जयपुर प्रदेश में अव्वल है। इसने राज्य की पुलिस को चिंता में डाल दिया है। बाल अपराध पर काबू पाने के लिए राजस्थान पुलिस अकादमी में विशेष ट्रेनिंग सेशन भी करवाया जा चुका है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक बाल अपराध के मामले में जयपुर जिला पहले नंबर पर है और कोटा दूसरे पर। इस मामले में उदयपुर तीसरे नंबर पर है। जयपुर जिले में पिछले पांच साल में 1922 मुकदमों में 2334 बाल अपचारी पकड़े गए, वहीं कोटा में 811 मुकदमों में 1149 और उदयपुर में 713 में 997 बाल अपचारी गिरफ्तार किए गए। जयपुर जिले में पिछले पांच साल में 1922 मुकदमों में 2334 बाल अपचारी पकड़े गए। जयपुर शहर में सबसे अधिक मुकदमे जयपुर पूर्व जिले में दर्ज हुए हैं। जयपुर पूर्व में 498, उत्तर में 476, पश्चिम में 352 और साउथ में 283 और जयपुर ग्रामीण में 313 मामले दर्ज हुए। जयपुर पूर्व में 631, उत्तर में 522, पश्चिम में 406 और दक्षिण में 404 बाल अपराधिी गिरफ्तार किए गए। इस बारे में बच्चे मनोचिकित्सक डॉ. जे.एस. शर्मा ने कहा कि बच्चे गलत संगत, आदत, पारिवारिक पृष्ठभूमि के चलते अपराध की दुनिया का हिस्सा बन जाते हैं। इस बारे में सरकार, एनजीओ और लोगों को मिलकर काम करना होगा। तभी बच्चों को अपराध की दुनिया से मुक्त कराया जा सकता है।
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