झज्जर। कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से फसल अवशेष प्रबंधन अभियान का आयोजन किया गया। इस मौके पर केंद्र की वरिष्ठ संयोजिका डाॅक्टर शशि वशिष्ठ ने कहा कि फसल अवशेषों को जलाने से बचने की बात कही। उन्होंने कहा कि इससे वातावरण तो प्रदूषित होता ही है। हमारे स्वास्थ्य पर भी विपरित असर पड़ता है। केंद्र के सस्य वैज्ञानिक और अभियान के संयोजक डाॅक्टर सत्यजीत यादव ने किसानों को इस समस्या से निपटने के लिए कई जानकारी बताई। उन्होंने कहा कि धान की पराली या फसल अवशेषों को जलाने से भूमि के पोषक तत्वों का भी नुकसान होता है। जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है।
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