मुंबई। नोटबंदी के बाद बैंकों के ऋण कारोबार की वृद्धि में ब्याज दरों में
कटौती के बावजूद ऎतिहासिक गिरावट आई है। हालांकि ब्याज दरें कम होने से
आवास क्षेत्र में छाई मंदी दूर हो सकती है।
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भारतीय स्टेट बैंक की एक
रिपोर्ट में गुरूवार को यह बात कही गई।
एसबीआई की इकॉनरैप-ऋण वृद्धि पर सट्टेबाजी रिपोर्ट में बताया गया,कम
क्रेडिट ग्रोथ चिंता की बात है। क्योंकि सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की
पाक्षिक डेटा इस तरफ इशारा करती है कि ऋण उठाव साल-दर-साल 23 दिसंबर को
ऎतिहासिक निचले स्तर पर गिरकर 5.1 फीसदी पर आ गई है।
रिपोर्ट में कहा गया,11 नवंबर और 23 दिसंबर के बीच की अवधि के दौरान ऋण
उठाव में 5229 करोड रूपये की गिरावट आई है, जबकि इस दौरान बैंकों की जमा
राशि में करीब 4 लाख रूपये की वृद्धि हुई है।
इसमें कहा गया कि ब्याज दरों में एक बार में 90 आधार अंकों की कटौती हो
चुकी है। इससे स्पष्ट रूप से आवास क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। भारतीय स्टेट
बैंक ने 1 जनवरी से लेकर तीन साल तक की अवधि वाले ऋणों की दर में 90 आधार
अंकों की कटौती की थी।
(आईएएनएस)
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