जयपुर। सूर्य आराधना के महापर्व डाला छठ के तहत सोमवार को जलकुंड़ो में खड़े होकर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। इसके साथ ही व्रतियों के 36 घंटे का व्रत का समापन हुआ। गलता तीर्थ सहित छोटी काशी के अन्य जलाशयों में बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड के प्रवासी लोगों का मेला उमड़ा। गलता में रातभर भजन कीर्तन के आयोजन किए गए। श्रद्धालुओं ने अलसुबह ही जलकुंड में खड़े होकर सूर्य के उगने का इंतजार किया। इस दौरान श्रद्धालु हाथ में बांस की टोकरियों में ठेकुआ एवं मौसमी फल , नींबू,सीताफल ,केले, संतरा, आदि रखकर सूर्य के उगने का इंतजार करते नजर आए। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने जल्दी जन्दी उगहू हे सूरूजदेव..,कलेवा के पात पर रखली अरघियां..,नीदवा के मातल देख अखियां ना खोले हे..जैसे गीत गाए। सूर्योदय के साथ लोगों में अघ्र्य देने की होड़ सी लग गई। इसके साथ ही व्रतियों के व्रत का समापन हुआ। गलता के अलावा श्रद्धालुओं ने प्रतापनगर, दहलावास शनिधाम मंदिर, आमेर मावठा, झोटवाड़ा, जयसिहपुंरा खोर,विश्वकर्मा, बाईस गोदाम, सुदर्शनपुरा समेत विभिन्न स्थानों पर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया गया।
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