जयपुर। डेढ़ साल से पिंजरे में कैद बाघ टी-24 यानी उस्ताद को लेकर केंद्रीय वन मंत्रालय ने भी सवाल खड़े कर दिए हैं। मंत्रालय के अफसरों ने बैठक के दौरान सीधे वनमंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर से पूछ लिया कि स्वच्छंद विचरण करने वाले इस बाघ को आखिर इतने समय से पिंजरे में क्यों कैद किया हुआ है। सवाल पर वनमंत्री ने भी तपाक से जवाब दिया कि मैं उस्ताद का फैन हूं और उसे रिलीज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उसके साथ और अन्याय नहीं होने दूंगा। खींवसर ने कहा कि मेरी मंशा उस्ताद को झालाना में बने करीब 50 हेक्टेयर के एनक्लोजर में ही सॉफ्ट रिलीज करने की है। क्योंकि ऐसा बड़ा केज नहीं हैं। आमली में बाघ छोडऩे की बात खारिज करते हुए खींवसर बोले कि वहां इस बाघ को छोडऩे का कोई विचार नहीं है। उदयपुर में टी-24 को ट्रेंकुलाइज कर ब्लड सैंपल ले लिए और जांच के लिए पॉली क्लीनिक सहित आईवीआरआई, बरेली और एक निजी लैब में भेजा है। खींवसर बोले कि रिपोर्ट सामान्य रही तो अगले सप्ताह तक ही सॉफ्ट रिलीज कर देंगे।
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