एक्सपेडिशन ऑपरेटर्स एसोसिएशन नेपाल के अध्यक्ष दांबेर पाराजुली के हवाले
से कहा गया है, ‘‘बहल की हालत अब खतरे से बाहर है।’’ बेस कैंप से एवरेस्ट
की चढ़ाई का आखिरी पड़ाव पूरा करने की तैयारी में लगे इन पर्वतारोहियों में
से अधिकांश स्नो ब्लाइंडनेस और शीतदंश का शिकार हो गए। ये भी पढ़ें - जानिए कहां रहते थे अंतिम हिंदू सम्राट विक्रमादित्या, क्या है नाम..
चीन और
स्लोवाकिया के एक-एक पर्वतारोही को भी खराब हालत के चलते वापस लाना पड़ा।
नेपाल के एक पर्वतारोही को इलाज के लिए काठमांडू लाना पड़ा।
PM मोदी का केसीआर पर हमला, गर्माई सियासत
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- 27.45 करोड़ प्रवासी कामगार पोर्टल पर पंजीकृत
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