मास्को। रूस ने चीन और पाकिस्तान को जोर का झटका देते हुए भारत के न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) की सदस्यता का समर्थन किया है। मास्को ने कहा है कि एनएसजी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी को पाकिस्तान के साथ नहीं जोडा जा सकता है। मास्को इस बारे में विभिन्न स्तर पर चीन के साथ चर्चा कर रहा है। आपको बता दें कि चीन लगातार न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में भारत की सदस्यता का विरोध कर रहा है। रुस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने भारत के वासेनर समझौते में शामिल होने की संभावना जताई है। यह समझौता पारंपरिक हथियारों और इसके दोहरे उपयोग के सामान व प्रौद्योगिकियों के लिए निर्यात नियंत्रणों पर नियम निर्धारित करता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सर्गेई रयाबकोव ने बुधवार को विदेश सचिव एस,जयशंकर से मुलाकात की। इसके बाद रयाबकोव ने साफ तौर पर कहा कि एनएसजी सदस्यता के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों के आवेदन आए हुए है। लेकिन भारत व पाकिस्तान के एनएसजी सदस्यता के आए आवेदन पत्रों की तुलना नहीं की जा सकती है।
रयाबकोव ने कहा, ‘एनएसजी सदस्यता की दावेदारी के लिए पाकिस्तान के आवेदन पर कोई सर्वसम्मति नहीं है और इसे भारत की दावेदारी के साथ नहीं जोड़ा जा सकता।’ इसके साथ ही कहा कि एनएसजी के लिए भारत के प्रमाण-पत्र त्रुटिहीन है। जबकि पाकिस्तान के संबंध में ऐसा नहीं है।
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