नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को झटका देते सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि पार्टी जब तक ममता बनर्जी नीत राज्य सरकार के कानून व व्यवस्था मुद्दे के डर को समाप्त नहीं कर देती तब तक वह अपनी प्रस्तावित रथ यात्रा नहीं निकाल सकती। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ का यह फैसला कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल की भाजपा इकाई की याचिका पर आया है। उच्च न्यायालय ने राज्य में रथ यात्रा को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शीर्ष अदालत की पीठ ने पाया कि रथ यात्रा के कारण कानून व्यवस्था भंग होने का बंगाल सरकार का डर 'बेबुनियाद नहीं है' और भाजपा को इस डर को खत्म करना होगा। अदालत ने हालांकि भाजपा को बैठकें व अन्य संपर्क कार्यक्रम आयोजित करने की इजाजत दी, जिस पर बंगाल सरकार की सहमति है।
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी को राज्य में सिर्फ रैलियां और सभाएं आयोजित करने की इजाजत दी। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता की रथ यात्रा से सौहार्द बिगड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, यदि BJP नई यात्रा के लिए संशोधित योजना लेकर आती है, तो उस पर नए सिरे से विचार किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी से रथयात्रा को लेकर नया शेड्यूल पश्चिम बंगाल सरकार को देने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार बीजेपी के नए यात्रा शेड्यूल पर संवैधानिक प्रावधानों को ध्यान में रखकर फैसला ले ताकि इनका मौलिक अधिकार प्रभावित न हो।
बता दें, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने बीजेपी की रथयात्रा को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। इसके खिलाफ भाजपा ने अपील करते हुए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
(आईएएनएस)
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