जोधपुर। मुस्लिम समाज में लागू तीन तलाक को लेकर बहस छिड़ी हुई है। मुस्लिम धर्म गुरु और पर्सनल लॉ बोर्ड तीन तलाक को खत्म करने का विरोध कर रहे हैं, वहीं अनेक मुस्लिम लड़कियां और महिलाएं तीन लताक को खत्म करने की वकालत कर रही हैं। इसी बीच अब मुस्लिम समाज की कई लड़कियां तीन तलाक की बंदिश को तोडऩे के लिए नए रास्ते पर कदम बढ़ रही है। ऐसा ही एक मामला जोधपुर के करीब 150 किलोमीटर दूर फलोदी कस्बे में सामने आया है। यहां एक मुस्लिम लडक़ी ने तीन तलाक को कुरीति मानते हुए हिन्दू लडक़े संग ब्याह रचा लिया।
दोनों पति-पत्नी ने मंदिर में शादी की रस्में पूरी कीं। यह शादी पूरे शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग दूर-दूर से इस जोड़े को देखने आ रहे हैं। हिन्दू लडक़े संग शादी करने वाली तस्लीमा ने हिंदू धर्म को महिलाओं का सम्मान करने वाला धर्म बताया। उसका मानना है कि हिन्दू धर्म पत्नी के अलावा दूसरी महिलाओं को बहन-बेटी की नजर से देखना सिखाता है। वहीं मुस्लिम समाज में कई शादियों की इजाजत है और रिश्ता पक्का करते समय लडक़ी से उसकी इच्छा के बारे में पूछा भी नहीं जाता।
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