नई दिल्ली। हवा से हवा में मार करने वाली स्वदेशी विजुअल रेंज ‘अस्त्र’ मिसाइल को जल्द ही वायु सेना में शामिल किया जा सकता है,क्योंकि इसके विकास संबंधी परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए गए हैं। अस्त्र से जुड़े प्रोजेक्ट को साल 2004 में मंजूरी मिली थी। सरकार की ओर से शुक्रवार को जारी बयान के मुताबिक 11 से 14 सितंबर के बीच ओडिशा समुद्रतट पर स्थित चांदीपुर से बंगाल की खाड़ी के ऊपर इसके विकास संबंधी सभी परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया। एसयू-30 लड़ाकू विमानों के जरिये इन मिसाइलों से पायलट रहित लक्ष्य विमानों (पीटीए) को निशाना बनाया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस दौरान ऐसे सात परीक्षण किए गए और सभी सफल रहे। दो मिसाइलों को युद्धक परिस्थितियों में वारहेड के साथ भी लांच किया गया और उन्होंने लक्ष्यों को बेअसर कर दिया। इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय वायुसेना ने मिलकर विकसित किया है। जबकि इन्हें लगाने के लिए लड़ाकू विमानों में बदलाव हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने किए। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस मिसाइल की तकनीक बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि से काफी जटिल है। इसकी वजह यह है कि जब इस मिसाइल को लड़ाकू विमान से लांच किया जाता है तो इसका लक्ष्य दृष्टि में नहीं होता है।
स्वदेशी मिसाइल ‘शस्त्र’ पर एक नजर...
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