कैथल। इनेलो ने हरियाणा के वित्त मंत्री द्वारा राज्य विधानसभा में पेश किए गए बजट को पूरी तरह से दिशाहीन व निराशाजनक बताते हुए कहा कि इस बजट ने प्रदेश के सभी वर्गों को पूरी तरह से निराश किया है और समाज के किसी भी वर्ग को कोई राहत नहीं दी गई।
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ओमप्रकाश चौटाला सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रहे एवं इनेलो नेता रामपाल माजरा ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रदेश के लोगों को बजट से भारी उम्मीदें थीं और उन्हें लगता था कि भाजपा सरकार ने चुनाव के समय लोगों के साथ जो चुनावी वादे किए हैं, इस बजट के माध्यम से उन्हें पूरा करने का काम करेगी, लेकिन सरकार ने वादे पूरे करने के बजाय प्रदेश को पूरी तरह कर्ज में डुबोने का काम किया है। माजरा ने कहा कि वर्ष 2017-18 के दौरान प्रदेश पर एक लाख 41 हजार 854 करोड़ रुपए का अनुमानित कर्ज हो जाएगा, जो बेहद चिंता का विषय है। उन्होंने आशंका जताई कि कर्जे के ये आंकड़े मात्र अनुमानित हैं, जबकि कर्जे के असल आंकड़े इससे कहीं ज्यादा रहने का अनुमान है।
इनेलो नेता ने कहा कि 1966 से हरियाणा बनने से लेकर 2005 तक प्रदेश में जितनी भी सरकारें रहीं उनके द्वारा राज्य के विकास व नई सडक़ों, ताप बिजली घरों व अन्य ढांचागत विकास के लिए जो कर्ज लिए गए 39 सालों के दौरान कुल कर्जे मात्र 23 हजार 600 करोड़ रुपए के थे। इनेलो नेताओं ने कहा कि बजट में मात्र आंकड़ों की भूल-भुलैया से लोगों को भटकाने का प्रयास किया गया है। माजरा ने कहा कि हुड्डा सरकार ने साढ़े 9 सालों के दौरान इस कर्ज को बढ़ाकर 82305 करोड़ तक पहुंचा दिया और उसमें 59 हजार करोड़ की बढ़ोतरी हुई। अब मौजूदा सरकार के कुप्रबंधन व कुशासन के कारण भाजपा सरकार के इस ढाई साल के कार्यकाल में कर्जा करीब 60 हजार करोड़ और बढकऱ एक लाख 41 हजार 854 करोड़ तक पहुंच गया है।
उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि आज प्रदेश पूरी तरह कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है और मौजूदा सरकार प्रदेश की वित्तीय स्थिति सुधारने में पूरी तरह विफल रही है। इनेलो नेताओं ने कहा कि आज प्रदेश सरकार कर्मचारियों को वेतन भत्ते, पेंशन, ब्याज के भुगतान व ब्याज के कर्ज का भुगतान चुकाने के लिए भी निरंतर कर्जा ले रही है। माजरा ने कहा कि सरकार ने बेरोजगार युवकों को 6 हजार व 9 हजार बेरोजगारी भत्ता देने, बुजुर्गों को 2 हजार रुपए महीना पेंशन देने, गेस्ट टीचरों व अन्य कर्मचारियों को रेगूलर करने, पंजाब के समान वेतनमान देने, किसानों के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू कर उनके लागत मूल्य के साथ 50 प्रतिशत मुनाफा देने सहित अनेक लुभावने वादे किए थे। इन वादों को पूरा करने के लिए बजट में कहीं कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन को लेकर जो श्वेत पत्र जारी किए थे, उससे उम्मीद की जा रही थी कि मौजूदा सरकार प्रदेश की आर्थिक हालत में भारी सुधार लाएगी, लेकिन वित्त मंत्री के बजट भाषण से सभी के हाथ न सिर्फ निराशा लगी, बल्कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति और ज्यादा दयनीय होती जा रही है। इनेलो नेता ने सरकार से लोगों से चुनाव के दौरान किए अपने सभी वादे पूरे कर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश अनुसार किसानों के उनकी फसलों के लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के साथ-साथ किसान के खेत में इस्तेमाल होने वाली प्रत्येक वस्तु बीज, खाद, कीटनाशक दवाएं, डीजल और कृषि उपकरणों पर से तुरंत सभी प्रकार के टैक्स हटाने का काम करे, ताकि किसानों को कुछ लाभ मिल सके और बिजली की दरों में कटौती की जाए, ताकि लोगों पर डाला गया बेवजह बोझ थोड़ा कम हो सके। उन्होंने बुढ़ापा पेंशन 2 हजार करने, बेरोजगारी भत्ता छह व नौ हजार करने, गरीब परिवारों को पक्के मकान देने, कर्मचारियों की वेतनमान विसंगतियां दूर करने और पंजाब के बराबर वेतनमान व भत्ते देने के साथ-साथ अपने सभी चुनावी वादे तुरंत पूरे करने का आग्रह किया।
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