कोलकाता, 10 सितम्बर (आईएएनएस)| भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस), दिवंगत जनरल बिपिन रावत को अब चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब एक सैन्य चौकी मिल गई है, जिसका नाम उनके नाम पर रखा गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शनिवार को अरुणाचल प्रदेश के किबिथू में भारतीय सेना के गैरीसन को औपचारिक रूप से जनरल बिपिन रावत मिल्रिटी गैरीसन नाम दिया गया। जनरल रावत (तब एक कर्नल) ने 1999-2000 में इस गैरीसन में 5/11 गोरखा राइफल्स की एक इकाई की कमान संभाली थी।
भारत में कुछ सैन्य स्टेशन लोगों के नाम पर हैं। आईएनएस नेताजी सुभाष (कोलकाता में भारतीय नौसेना का मुख्यालय) शायद पहला था। दूसरा पश्चिम बंगाल में पानागढ़ में वायु सेना स्टेशन अर्जन सिंह था। अब, जनरल बिपिन रावत के नाम पर भारतीय सेना की गैरीसन है।
एक रणनीतिक स्थान किबिथू में अपने कार्यकाल के दौरान, जनरल रावत ने 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद 5/11 गोरखा राइफल्स को दिए गए बैटल ऑनर बोगरा की याद में पास की एक विशेषता को 'बोगरा' नाम दिया।
अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर बी.डी. ने शनिवार को सैन्य स्टेशन को औपचारिक रूप से जनरल बिपिन रावत सैन्य गैरीसन के रूप में नामित किया।
इस मौके पर जनरल रावत की बेटी भी मौजूद थीं। मुख्यमंत्री खांडू ने वालोंग से किबिथू तक 22 किलोमीटर लंबी सड़क का नाम जनरल बिपिन रावत मार्ग भी रखा।
भारतीय सेना के अनुसार, दिसंबर 2021 में एक दुखद हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए जनरल को यह एक उचित श्रद्धांजलि थी। एक अधिकारी ने बताया कि जनरल रावत ने इलाके की सुरक्षा को मजबूत करने में अहम योगदान दिया। उन्होंने जो ढांचागत विकास और सामाजिक विकास किया, उससे स्थानीय लोगों को भी बहुत फायदा हुआ।
--आईएएनएस
किसानों ने दिल्ली कूच का फैसला किया स्थगित, बवाल के बाद पंढेर ने किसानों को वापस बुलाया
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर भीषण सड़क हादसा: डबल डेकर बस डिवाइडर से टकराई, 6 की मौत, 14 घायल
बिहार : बीपीएससी कार्यालय के बाहर छात्रों का विरोध-प्रदर्शन, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
Daily Horoscope