दार्जिलिंग। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा कार्यकर्ताओं की शनिवार को सुरक्षा बलों के साथ
झड़प हो गई। झड़प में खुकरी
लगने से आईआरबी की दूसरी बटालियन के सहायक कमांडेंट किरण तमांग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। झड़प में 36 पुलिसकर्मी गंभीर रुप से घायल हो गए हैं। जिनमें से 20
पुलिसकर्मी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एडीजी अनुज शर्मा ने बताया
की जीजेएम के समर्थकों ने पुलिसबल और जवानों पर कांच की बोतलों और पत्थरों
से हमला किया गया। जिसके जवाब में पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
करीब एक घंटे चले उपद्रव के बाद सेना को बुला लिया गया। बता दें कि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा पृथक राज्य की मांग को लेकर 6 दिनों
से अनिश्चितकालीन बंद पर है। उन्होंने बताया कि पूरे इलाके में निषेधाज्ञा
लागू है और जूलूस निकालने की अनुमति किसी को भी नहीं दी गई है। जीजेएम
समर्थकों ने आदेशों का उल्लंघन किया और जुलूस निकाला। जब पुलिस ने उन्हें
रोका तो प्रदर्शनकारियों ने उन पर पत्थर तथा बोतलें फेंकीं। पुलिस ने भीड़
को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पीटीआइ ने दोपहर में आइआरबी सूत्रों के हवाले से खबर दी थी कि भारतीय रिजर्व बटालियन का एक असिस्टेंट कमाडेंट दार्जिलिंग में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं के साथ झड़प में मारा गया। हालांकि दोपहर की इस खबर के बाद शाम ने न्यूज एजेंसी पीटीआई ने फिर खबर दी कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अनुसार आइआरबी के सहायक कमाडेंट दार्जिलिंग में जीजेएम कार्यकर्ताओं के साथ झड़प में मारे नहीं गये, बल्कि गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
बहरहाल, एडीजी :कानून-व्यवस्था: अनुज शर्मा ने इस आरोप का खंडन किया और कहा कि पुलिस ने कोई गोली नहीं चलाई है। शर्मा ने कहा,यह जीजेएम के कार्यकर्ता थे जिन्होंने गोलियां चलाई।
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) द्वारा आहूत अनिश्चितकालीन बंद
शनिवार को छठे दिन भी जारी है, जिसके चलते उत्तरी पश्चिम बंगाल के पहाड़ी
क्षेत्रों में तनाव की स्थिति बनी हुई है। राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल
कांग्रेस और जीजेएम के बीच चल रहे घमासान के कारण दार्जिलिंग की वादियों
में अशांति व्याप्त है। पुलिस और जीजेएम समर्थकों के बीच झडप में एक नागरिक
के मारे जाने की खबर है। वहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बंद के
पीछे साजिश का आरोप लगाया है। ममता ने कहा कि इलाके में शांति स्थापित
करने के लिए पैनल का गठन किया गया है।
जीजेएम की महिला शाखा ने पार्टी
के सहायक महासचिव बिनय तमांग के आवास पर हुई छापेमारी के खिलाफ नारेबाजी
करते हुए दार्जिलिंग के उत्तर में स्थित सिंगमड़ी में रैली निकाली, जिसके
बाद व्यापक हिंसा शुरू हो गई। सैकड़ों महिला कार्यकर्ताओं ने अलग गोरखालैंड
की मांग करते हुए हाथों में तिरंगा थामे गोरखालैंड गोरखालैड के नारे लगाए।
महिला
कार्यकर्ताओं ने पुलिस वापस जाओ के नारे लगाते हुए पुलिस बेरिकेड को धक्का
दिया, जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए आंसू गैस के
गोले छोडे। बिनय तमांग ने कहा कि पुलिस और तृणमूल कांग्रेस के
कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार रात करीब तीन बजे उनके घर में भी उसी प्रकार
छापेमारी और तोडफ़ोड़ की, जिस तरह दो दिन पहले उन्होंने पार्टी प्रमुख बिमल
गुरंग के घर पर की थी। तमांग ने साथ ही दावा किया कि पुलिस ने जीजेएम के
विधायक अमर राय के बेटे को भी गिरफ्तार कर लिया है।
अमर राय का कहना है
कि उनके बेटे का राजनीति से कोई लेनादेना नहीं है। तमांग ने एक बयान में
कहा, हम स्तब्ध हैं कि पिछली रात एक स्थानीय पत्रकार विक्रम राय को
गिरफ्तार कर लिया गया। राय कोलकाता के कई मीडिया संस्थानों से जुड़े हैं।
वह एक टेलीविजन चैनल के लिए स्ट्रिंगर के रूप में भी काम कर चुके हैं। अगर
दार्जिलिंग में स्थानीय पत्रकार तक सुरक्षित नहीं हैं तो फिर कौन सुरक्षित
हो सकता है। उन्होंने कहा, दार्जिलिंग में एक तरह से आपातकाल लागू कर दिया
गया है।
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