वाराणसी । दिवंगत मशहूर
शहनाई वादक भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के वाराणसी के बेनिया बाग
स्थित घर को एक तीन मंजिला कमर्शियल बिल्डिंग बनाने के लिए ध्वस्त कर दिया
गया।
सन 1936 में इस घर को खरीदा गया था जहां बिस्मिल्लाह खां ने अपनी पूरी
जिंदगी बिताई। उनके शिष्यों ने उन्हें कई बार अमेरिका जाकर बसने के भी
प्रस्ताव दिए, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उस्ताद के पोतों - दिवंगत बेटे मेहताब हुसैन के बेटों का अब घर पर मालिकाना हक है। मेहताब उनके पांच बेटों में एक थे।
उनके एक पोते सुफी ने कहा कि पैसे की कमी के चलते घर को गिराने का फैसला लिया गया।
सुफी
ने कहा, "एक तीन मंजिला कॉमर्शियल बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा जिसके
एक भाग में बिस्मिल्लाह खां का म्यूजियम बनाया जाएगा। वहां हम उनकी सारी
चीजें, अवॉर्ड्स, प्राप्तियां इत्यादि को रखेंगे।"
बिस्मिल्लाह खां
की शिष्य रहीं और उनकी गोद ली हुई बेटी गायिका सोमा घोष ने कहा है कि घर को
गिराए जाने की बात को सुनकर वह बेहद हैरान हैं।
उन्होंने कहा, "मैं
यह जानकर हैरान थी कि 'बाबा' (खान) के घर को गिरा दिया गया है और उनके
सामान बाहर फेंक दिए गए हैं। वह बस एक घर नहीं था बल्कि संगीत प्रेमियों के
लिए आराधना करने की एक जगह थी। यह एक विरासत है और मैं इसे संरक्षित किए
जाने की अपील करूंगी।"
बिस्मिल्ला खान को 2001 में भारत रत्न से नवाजा गया था।
--आईएएनएस
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