सुल्तानपुर । संसद में एक ओर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हिंदू धर्म पर दिए बयान से बवाल मचा हुआ है, वहीं सदन के बाहर के बयान ने भी उनकी चिंता बढ़ा दी है।
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गृह मंत्री अमित शाह को लेकर मानहानि मामले में मंगलवार को सुल्तानपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में राहुल गांधी की पेशी थी, लेकिन वो कोर्ट में पेश नहीं हुए।
राहुल गांधी के वकील काशी प्रसाद शुक्ला ने उनके कोर्ट में पेश ना होने की वजह बताई। उन्होंने न्यायालय को एक एप्लीकेशन सौंपा, जिसमें सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेता की अनुपस्थिति की वजह दर्ज थी।
वकील ने एप्लीकेशन में सदन की कार्यवाही का हवाला दिया। उन्होंने कहा, क्योंकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी सदन में विपक्ष के नेता हैं और लोकसभा का पहला सत्र चल रहा है, इसलिए सदन की कार्यवाही के चलते वो इस मामले की सुनवाई के लिए उपस्थित नहीं हो सके।
साथ ही उनके अधिवक्ता ने सदन की सूची भी पेश की। राहुल गांधी के वकील ने इस मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट से आखिरी मौका मांगा है। इस पर कोर्ट ने 26 जुलाई की तारीख तय की। साथ ही कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि अगर तय तारीख को राहुल गांधी पेश नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
दरअसल राहुल गांधी ने 2018 कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
विजय मिश्रा के अनुसार राहुल गांधी ने कहा था कि भाजपा ईमानदार और स्वच्छ राजनीति में विश्वास करने का दावा करती है, जबकि एक पार्टी का अध्यक्ष हत्या के मामले में 'आरोपी' है।
इस बयान का विरोध करते हुए सुल्तानपुर के भाजपा नेता विजय मिश्रा ने राहुल गांधी के खिलाफ 4 अगस्त को मानहानि का केस दर्ज कराया था।
कोर्ट ने उन्हें 27 नवंबर 2023 को तलब किया था। इसके बाद राहुल गांधी ने 20 फरवरी को कोर्ट में पेश होकर अपनी जमानत कराई थी। तब से राहुल गांधी जमानत पर बाहर चल रहे हैं और इस मामले की सुनवाई सुल्तानपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है।
--आईएएनएस
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