पूर्व विधायक अखिलेश सिंह ने 90 के दशक में अपने राजनीतिक पारी शुरू की और
विधायक बने। कांग्रेस पार्टी से विवाद के चलते पार्टी छोड़ी फिर निर्दलीय
विधायक बने। 2011 में पीस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बने और 2012 में
विधायक बने। अखिलेश सिंह ने 2014 में पीस पार्टी से विद्रोह कर पार्टी तोड़
दी और विधायक बने रहे।
विधायक ने 2016 में अपनी बेटी अदिति सिंह को
कांग्रेस में शामिल करवाया और 2017 के विधानसभा चुनावों में उनकी बेटी जीत
गईं। रायबरेली भले ही नेहरू गांधी परिवार की विरासत रही हो पर अखिलेश सिंह
के पार्टी छोडऩे के बाद वहां से उनके अलावा कोई जीत नहीं पाया। उनके निधन
से पूरे इलाके में शोक की लहर है।
(IANS)
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