अमरीष मनीष शुक्ला, इलाहाबाद। गर्मी लगने की शिकायत पर आगबबूला हुए एक प्रिंसिपल ने पहले डंडे से बच्चों को पीटा। तब भी जी न भरा तो लाठी लेकर मासूम बच्चों पर टूट पड़े। सिर्फ लड़के ही प्रिसिंपल के रौद्र रूप का शिकार नहीं हुये। बल्कि लड़कियों पर भी जी भरकर डंडे बरसाये गये। प्रिसिंपल साहब जब खुद थक कर हांफने लगे तो बच्चों पर उनका कहर खत्म हुआ। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सवाल यह है कि अनुशासन के नाम पर आखिर यह कैसी शिक्षा व्यवस्था है ? क्या बच्चों को शिक्षा और सबक के लिये इस तरह से लाठी से पीटा जाना उचित है ? ये खबर पढकर आप भौंचक्के रह जायेंगे कि क्या इस तरह से भी बच्चों को सजा दी सकती है। मामला इलाहाबाद के शांतिपुरम फाफामऊ स्थित स्कूल रूद्र प्रयाग विद्यामंदिर का है। जहां दर्जन भर बच्चों की इतनी बेरहमी से पिटाई की गई कि सभी अस्पताल पहुंच गये। शरीर पर लाठी के खूनी निशान देखकर परिजनों के भी होश उड़ गए हैं। मामले में फाफामऊ पुलिस चौकी में शिकायत दर्ज कराई गयी है। यह हाल तब है जब शहर में दो बड़ी घटनाएं घट चुकी है। अभी हाल ही में उठक-बैठक कराने से हाईस्कूल की छात्रा के ऑपरेशन का टांका टूट गया था। जबकि उससे पहले टीचर की मार में एक बच्चे की आंख फूट चुकी है। इलाहाबाद में अचानक बढी इन घटनाओ से मां बाप भी परेशान है।
बताते चले कि इसी स्कूल में कुछ दिन पहले ही पिटाई से एक छात्र का हाथ फ्रैक्चर हो गया था। तब बीच बचाव कर किसी तरह मामला शांत करा दिया गया । लेकिन परिजनों की खामोशी का परिणाम यह रहा कि प्रिंसिपल ने अमानवीय ढंग बच्चों के संग क्रूरता की और लाठी डंडे से जमकर पीटा।
छात्र बोला
घायल छात्र यश द्विवेदी ने बताया कि वह कक्षा 7 का छात्र है। उसके पिता रामबाबू सीआरपीएफ के पड़िला ग्रुप केन्द्र पर पोस्टेड हैं। वह कैंप से ही स्कूल आता है। घटना के दिन क्लास में बहुत गर्मी लग रही थी। जिसकी शिकायत मैने व दोस्तों ने की तो प्रिंसिपल सतेंद्र द्विवेदी ने सभी को लाठी डंडे से पीटा। घटना के बाद घर पहुंचे तो भाई हमें अस्पताल ले गये।
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