इलाहाबाद । मथुरा के जवाहरबाग कांड को लेकर दाखिल स्टेटस रिपोर्ट पर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाई है । हाईकोर्ट ने गहरी नाराजगी
व्यक्त करते हुये जांच अधिकारी को तलब किया है । अब 7 मई को जांच अधिकारी
हाईकोर्ट के सवालों का सामना करेंगे। मामले की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जवाहर बाग मामले में कड़ा
रूख अपनाते हुये कहाकि यह मामला बेहद संगीन है। कोर्ट ने पूर्व में ही
स्पष्ट निर्देश जारी किया था कि लापरवाही न बरती जाये। लेकिन जो स्टेटस
रिपोर्ट सबमिट की गई वह न तो संतोषजनक है और न स्तरीय है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायमूर्ति डीबी भोसले एवं न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा
की खंडपीठ ने शुरू की तो सीबीआई की सबसे कमजोर कड़ी डीएनए जांच रिपोर्ट की
रही। 15 दिन में रामवृक्ष यादव और उसके परिवार के सदस्यों की डीएनए रिपोर्ट
आनी थी। लेकिन 2 माह गुजरने के बाद भी रिपोर्ट नहीं समिट हुई। जिससे मामले
में सस्पेंस बना हुआ है। सीबीआई पूरी तरह डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट पर
चुप्पी साधे हुए है। कोर्ट का कहना है कि कम से कम सीबीआई स्तर की जांच में
इतनी साधारण प्रगति की उम्मीद नहीं की जा सकती।
दरअसल रामवृक्ष यादव व उसके परिवार के सदस्यों की डीएनए जांच के सैंपल
हैदराबाद व लखनऊ भेजे गए थे। लेकिन सीबीआई को जांच मिले लगभग दो माह होने
को है। सैंपल की रिपोर्ट तक नहीं आ सकी। जिस पर कोर्ट ने सवाल खड़े किये।जवाहरबाग कांड में पुलिस की विवेचना में कई खामियों के कारण कोर्ट ने
सीबीईआई जांच के आदेश दिये थे। जांच दो मार्च से सीबीआई को मिल गयी है।
सीबीआई ने छह माह का समय भी मांगा है और बताया कि दो टीमें सच तलाश रही
हैं। मालूम हो कि जवाहरबाग कांड में पुलिस ने 101 लोगों के खिलाफ आरोप
पत्र दाखिल किया था। उसके बाद मामला अदालत पहुंच गया था।
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