आगरा। उत्तर-प्रदेश के आगरा में कोरोना के टीके की पहली खुराक लेने वाले करीब 10 लाख लोगों ने निर्धारित समय खत्म होने के बाद भी दूसरी खुराक नहीं ली है। इन लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि लोग नए ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते खतरे के बीच दूसरा टीका लगवाएं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, आगरा जिले में 18 साल से ज्यादा उम्र के 35 लाख लोगों में से 15.55 लाख लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है।
बीते 12 महीनों में 28.60 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक दी गई है। इनमें से 90 फीसदी से ज्यादा को कोविशील्ड वैक्सीन लगी है।
पिछले 12 महीनों में, 28.60 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक मिली। कोविशील्ड वैक्सीन के मामले में पहली और दूसरी खुराक के बीच अनुशंसित अंतराल 12 सप्ताह और कोवैक्सिन के लिए चार सप्ताह तय की गई है।
आगरा जिला टीकाकरण अधिकारी संजीव बर्मन ने कहा, "दूसरी खुराक नहीं लेने का मतलब है कि आप कम सुरक्षित हैं। इसका मतलब है कि अगर आप संक्रमण के संपर्क में आते हैं, तो आप गंभीर रूप से कोरोना संक्रमित हो सकते हैं।"
ए.के. श्रीवास्तव, आगरा जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि गंभीर कोरोना संक्रमण और अस्पताल में भर्ती होने से पर्याप्त सुरक्षा के लिए दोनों खुराक लेना जरूरी है।
केंद्र सरकार के आदेश के बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने नर्सिग स्टाफ को 60 साल से ऊपर के लोगों और 15 से 18 साल के बच्चों को बूस्टर डोज देने का प्रशिक्षण भी देना शुरू कर दिया है।
इस बीच, आगरा जिले में मंगलवार को कोरोना के 4 नए मामले सामने आए, जिससे सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 14 हो गई, जो पिछले तीन महीनों में सबसे ज्यादा है।
सीएमओ ने कहा, "जिन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, उनके सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जा रहे हैं ताकि कोरोना के वेरिएंट की पहचान की जा सके। आगरा जिले में अभी तक ओमिक्रॉन केस का कोई मामला सामने नहीं आया है।" (आईएएनएस)
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