जैसलमेर। देश
भर में छिडी तीन तलाक की बहस और बेटी बचाओं बेटी पढाओं की मुहिम के बहाने
भले ही सरकारों ने महिलाओं के संरक्षण का दावा किया हो लेकिन आज भी इस तरह
की घटनाएं महिलाओं प्रताडित करती दिखाई दे रही है। एेसा ही मामला जैसलमेर की नगीना का है। नगीना का जिसका निकाह उसके गरीब मां बाप ने जोधपुर
स्थित पाल रोड निवासी अब्दुल गफ्फार से किया था लेकिन नगीना का एक बेटी को जन्म देना उसके लिये भारी पड
गया। बेटी का जन्म होने के बाद उसके पति ने जोधपुर से फोन पर ही उसे तीन
बार तलाक बोलकर उसे छोड दिया। यह पीडिता अपने परिजनों के साथ न्याय के
लिये महिला थाना और महिला आयोग की दर पर पहुंची है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दहेज़ के लिए निकाला घर से
रूंआसी
आंखें जिन्होंने अपनी बेटी को एक सुखी संसार के लिये पति के साथ विदा किया
था आज वही आंखें अपनी बेटी का दुख देख आंसुओं को नहीं रोक पा रही है। अपनी
हैसियत के हिसाब से अपनी बेटी का विवाह करने वाले नगीना के माता पिता का
भी रोरोकर बुरा हाल है। नगीना की मां ने बताया कि इसके पिता को पिछले लम्बे
समय से अल्सर की बीमारी है जिसका पहले इलाज चल रहा था लेकिन बेटी के
ससुराल द्वारा दहेज की नाजायज मांगें करने के चलते उसका इलाज बंद कर अपने
दामाद की ख्वाहिशें पूरी करने में लगे हैं। समय के साथ दामाद की बडी
मांग को अब वो पूरा करने में असमर्थ होने लगे तो उन्होंने उनकी बेटी को
प्रताडित करना शुरू कर दिया और इस बार केवल बेटी के लडकी पैदा होने पर
जोधपुर स्थित उसके ससुराल पक्ष ने उनकी बेटी और नातिन को घर से निकाल दिया
है। अपनी बेटी के दुख से परेषान इस मां बाप को अब केवल आस है तो केवल
मीडिया की देष की सरकारें जो बेटियों के संरक्षण के बडे बडे दावे करती है
उनतक यह सच पहुंचना चाहिये कि वास्तव में एक बेटी के पैदा होने पर महिला को
क्या क्या भुगतना पडता है।
पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई
नगीना
के साथ हुए अन्याय के बाद जब उसके माता पिता जैसलमेर स्थित महिला थाने में
अपनी गुहार लेकर पहुंचे तो महिला थाने केवल मुकदमा दर्ज कर इतिश्री कर
ली। नगीना ने बताया कि उसने एक महीने पहले मामला दर्ज करवाया था लेकिन
आजतक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो पाई है। इसी तथ्य की जांच करने जब हमारी
टीम महिला थाने पहुंची तो वहां महिला थाने के थानेदार ने बताया कि पीडिता
द्वारा दिया गया मामला दर्ज कर लिया गया है। इसमें पीडिता के पति को
बुलवाया गया था। उससे पूछताछ की गई थी लेकिन मुकदमें कहीं भी तीन तलाक की
बात नहीं बताई गई है। उन्होंने बताया कि अगर इस तरह के तथ्य है तो मामले
की पुनः जांच करवाई जायेगी और पीडिता को पूरा न्याय दिलवाया जायेगा।
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