जयपुर। नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी और एस्तेर डुफ्लो के साथ अपने जुड़ाव को लेकर राजस्थान पुलिस गौरवान्वित महसूस कर रही है। 1989 बैच की राजस्थान काडर की आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी नीना सिंह ने अभिजीत बनर्जी और एस्तेर डुफ्लो के साथ दो शोध पत्रों का सह-लेखन किया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एमआईटी के प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी और एस्तेर डुफ्लो को गरीबी से निपटने के उनके अनुकरणीय कार्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
जिन शोध पत्रों का सह-लेखन नीना सिंह ने किया है, वह राजस्थान के संदर्भ में पुलिस सुधार और साक्ष्य-आधारित पुलिसिंग को लेकर है।
यह अनुसंधान पहल राजस्थान के 150 से भी ज्यादा पुलिस थानों तक फैली हुई थी और इसे पूरा करने में चार साल लगे।
नीना सिंह की कई उपलब्धियां हैं। वह राजस्थान की पहली महिला एडीजी हैं, जिन्हें प्रेसिडेंट मेडल से सम्मानित किया गया है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद नीना सिंह भारत आकर आईपीएस अधिकारी बनीं।
उनकी ईमानदार और बहादुर छवि के चलते उन्हें 'लेडी सिंघम' के नाम से भी जाना जाता है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों को सुलझाया।
जब वह राजस्थान महिला आयोग की सदस्य सचिव थीं, तब उन्होंने विशेष तौर पर महिला सुरक्षा के मुद्दों पर भी काम किया।
उनके पति रोहित सिंह राजस्थान सरकार में एक वरिष्ठ आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी हैं।
--आईएएनएस
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