जयपुर। फिल्म पदमावती के मामले में राज्य सरकार ने साफ तौर पर इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। साथ ही यह चेतावनी दी है कि कानून हाथ में लेने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने सचिवालय में मीडिया से कहा कि विरोध करने का अधिकार सबको है कानून हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है जो कार्रवाई हमको करनी थी हमने कर दी। कोटा के आकाश माल में फिल्म के विरोध में तोड़फोड़ करने पर 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत अपना विरोध दर्ज करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस फिल्म को अभी तक सैंसर बोर्ड से अनुमति नहीं मिली है। सर्वोच्च न्यायालय विरोध करने वालों की याचिका खारिज कर चुका है। ऐसे में सरकार किस आधार पर यह फिल्म बैन करें।
धर्म स्वतंत्रता विधेयक राष्ट्रपति के पास
उन्होंने कहा कि धर्म स्वतंत्रता विधेयक 2008 का विघेयक अभी राष्ट्रपित के पास विचाराधीन है। हमने यह विधेयक हिमाचल में जो कानून लागू है, हमने उसी के आधार पर बिल बनाया है। हिमाचल का कानून लागू है। राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा है। इस बिल में केन्द्र सरकार ने कुछ राय मांगी थी जिसके लिए गृह विभाग ने केंद्र
सरकार को बता दिया है कि यह कानून पूरी तरह से संविधान के अनुरूप है। साथ
ही, एटार्नी जनरल की आपत्तियों को भी दूर कर दिया गया है। नए बिल के तहत अब
धर्म परिवर्तन से पहले कलेक्टर मंजूरी जरूरी होगी। जबरन धर्मांतरण के
मामलों में 5 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने अलवर में गौ रक्षकों के द्वारा गायों की तस्करी करने वाले मोहम्मद उमर की गोली लगने से हुई मौत के मामले में कहा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
करणी सेना ने फिल्म पद्मावती का किया विरोध, मॉल में की तोड़फोड़
First Phase Election 2024 : पहले चरण में 60 प्रतिशत से ज्यादा मतदान, यहां देखें कहा कितना मतदान
Election 2024 : सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल और सबसे कम बिहार में मतदान
पहले चरण के बाद भाजपा का दावा : देश में पीएम मोदी की लहर, बढ़ेगा भाजपा की जीत का अंतर
Daily Horoscope