जयपुर। राजस्थान में खनन, स्टोन क्रेशर, स्टोन कटिंग एवं सीमेंट सयंत्रों द्वारा विभिन्न पर्यावरण अधिनियमों एवं दिशा निर्देशों कि अनुपालना से संबंधित प्रकरणों पर चर्चा करने के लिए राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष पवन कुमार गोयल की अध्यक्षता में राज्य मंडल द्वारा मंगलवार को मुख्यालय स्तर पर स्टेक होल्डर बैठक का आयोजन राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के कॉन्फ्रेंस हॉल में किया गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बैठक की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अध्यक्ष हुए पवन कुमार गोयल ने बताया कि वर्तमान में राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल सकारात्मक सोच के साथ कार्य कर रहा है और हमारा मुख्य उद्देश्य प्रदूषण को रोकना और सभी उद्योगों को पर्यावरण सुरक्षा के प्रति सजगता के साथ ही कदम उठाते हुए अच्छा उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करना है। उन्होंने बताया कि मंडल द्वारा नवाचार के रूप में सभी उद्योगों के लिए ग्रीन रेटिंग के मापदंड तय किये जा रहे हैं जिसके निरक्षण करने पर पर्यावरण के अनुकूल होने पर उन्हें राज्य स्तरीय सम्मान दिया जाएगा।
गोयल ने बताया कि वर्तमान में लंबे समय से विचाराधीन आवेदनों का निस्तारण किया गया है एवं विभिन्न दिशा निर्देश भी उद्योगों के लिए जारी किये गये हैं। भविष्य में भी इसी कार्यप्रणाली के अनुसार आवेदनों का निस्तारण किया जाएगा।
मण्डल अध्यक्ष द्वारा बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि मंडल का कार्य उद्योगों को बन्द करना नहीं अपितु उद्योगों को सभी पर्यावरणीय अधिनियमों के अन्र्तगत चलाने में प्रोत्साहन देने का है। उन्होंने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण मंडल एक वैधानिक नियामक संगठन है जिसका कार्य पर्यावरण से संबंधित सभी अधिनियमों, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण एवं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा समय समय पर जारी दिशा-निर्देशों एवं नियमों की अनुपालना करवाते हुए उद्योगों को चलवाना है। हमारा उद्देश्य है कि उद्योगों द्वारा जीरो लिक्विड डिस्चार्ज को बनाये रखते हुए अपशिष्ट जल, प्लास्टीक को पुनः उपयोग में लाते हुए प्रदूषण रहित पर्यावरण के लिए नई तकनीकों को प्रोत्साहन देना है।
गोयल ने कहा कि उद्योगों से हवा, पानी एवं ध्वनी प्रदूषण कम से कम हो इस विषय पर हमें मिलकर प्रयास करने होंगे उन्होंने स्टेक होल्डर्स को निर्देशित किया कि वह पर्यावरण कानून के प्रति जागरूक रहे एवं पर्यावरण की रक्षा करने के लिए कदम उठाएं जिससे प्राणी, पशु-पक्षी वनस्पतियों पर प्रदूषण के प्रभाव कम से कम हों। बैठक में उन्होने वेट ड्रीलींग, स्प्रींकल तकनीक, प्रदूषित जल के लिए फिल्ट्रेशन पोन्ड आदि विषयों पर भी स्टेक होल्डर्स के साथ विस्तार से विचार विमर्श किया।
बैठक में राज्य मंडल की सदस्य सचिव, शैलजा देवल ने कहा कि मंडल एवं उद्योगकर्मी मिलकर प्रदुषण की रोकथाम एवं निवारण करने पर कार्य करें। साथ ही अपनी समस्याओं को मंडल के समकक्ष प्रस्तुत करें जिससे समाधन निकाला जा सकेगा एवं उन्होंने निर्देशित किया कि बैठक में किये गये निर्णयों को स्टेक होल्डर्स संबंधित इकाइयों को अवगत करायें ताकि सबकी समस्याओं का निवारण हो सके।
बैठक में भीलवाड़ा, करौली, राजसमंद, जयपुर, चितौड़गढ़, बूंदी, सिरोही, उदयपुर, बांसवाड़ा आदि जिलों के उद्योग संघ के प्रतिनिधी मौजूद थे।
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