यह आतंकी गेम (ब्लू व्हेल) क्रिमिनल माइंड की उपज है। इन्हें आतंकवादी से
कम नहीं , ज्यादा ही आंकना चाहिए। क्योंकि आज का यूथ मोबाइल-इंटरनेट के
बिना अधूरा है, यह बात सभी जानते हैं। यूथ की इसी कमजोरी का आतंकी फायदा
उठा रहे हैं। ये भी पढ़ें - आस्था या अंधविश्वास! मात्र 11 रुपए में धुलते है ‘पाप’
मोबाइल आतंकियों का सबसे आसान हथियार के रूप में
इस्तेमाल किए जाने वाला साबित हो सकता है। बस हमें थोड़ा सतर्कता बरतने की
जरूरत है। जैसे देश की सुरक्षा के लिए खुफिया एजेंसियां नजर रखती हैं, वैसे
ही हमें खुद को खुफिया एजेंसी मानकर अपने बच्चों पर नजर रखकर उन्हें आतंक
का शिकार होने से बचाना है।
खास खबर डाॅट कॉम परिवार
ईश्वर से कामना करता है कि आतंकी अपने मंसूबों में कभी भी कामयाब न हों।
उनकी इस मोबाइल आतंक फैलाने की मुहिम को कभी भी ताकत नहीं मिले। उनकी हर
साजिश सदा विफल रहे। साथ ही अभिभावकों व अध्यापकों से अपील करतें हैं कि वे
बच्चों को अपनी निगाह में रखें।
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