जयपुर । नोटबंदी पर फैसला लेने की हिम्मत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में थी। नोटबंदी का विषय पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के वक्त भी था, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नोटबंदी पर फैसला लेने की हिम्मत नहीं जुटा पाए थे। यह कहना है कि केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रदेश भाजपा मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता में उन्होंने नोटबंदी पर कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है, तो इस तरह का फैसला लिया जाना जरूरी था। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी एशिया की होगी। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से पहले की अर्थव्यवस्था इनफॉर्मल इकोनॉमी थी। इसकी वजह से कालाधन बढ़ रहा था, अपराध बढ़ रहा था और टैक्स घट रहा था। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी से पहले भारत की 23.7 प्रतिशत शैडो इकोनामी थी। इसलिए मोदी सरकार को नोटबंदी का फैसला लेना पड़ा। अब भारत की शैडो इकोनामी घटकर 17.22 फीसदी आ गई है।
वहीं नोटबंदी की वजह से कालेधन पर रोक लगी है और डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़े है। उन्होंने कहा कि टैक्स कलेक्शन की वजह से गांवों के विकास कार्यों में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि यह विषय पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के सामने भी था, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कोई फैसला नहीं ले सके। लेकिन अब उनसे इस मुद्दे पर बुलवाया जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आरोपों पर जवाब देते हुए मेघवाल ने कहा कि वह नोटबंदी को लेकर गहलोत से बहस करने के लिए तैयार है, लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक कहना, देश और सेना के लिए अपमानजनक है।
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