जयपुर। राजस्थान के सभी सरकारी कार्यालय बिना बाबुओं के चल रहे हैं। इस कारण लोगों के काम भी नहीं हो पा रहे हैं। आपको बता दें कि अपनी 9 सूत्री मांगों के लिए राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेशव्यापी आह्वान पर 20 सितंबर से प्रदेश के एक लाख मंत्रालयिक कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश पर होने के कारण प्रदेश के सभी विभागों के कार्यालयों में काम-काज पूर्णतया ठप रहा। महापड़ाव पर लगभग 3 हजार महिला मंत्रालयिक कर्मचारियों सहित लगभग 40 हजार मंत्रालयिक कर्मचारी सम्मिलित रहे। प्रतिदिन संख्या में वृद्धि हो रही है। लगातार हो रही बारिश से पांडाल में पानी, कीचड़ के बावजूद रात्रि में भी मंत्रालयिक कर्मचारियों के उत्साह में कमी नहीं है। मंत्रालयिक कर्मचारियों ने हजारों की संख्या में शिप्रापथ थाने के सामने, महापड़ाव स्थल पर मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
परिलाभों को वापस लेने की कोशिश से मंत्रालयिक कर्मचारी नाराज
प्रदेशाध्यक्ष मनोज सक्सेना ने कहा कि मंत्रालयिक कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश पर रहने से राज्य सरकार के राजस्व एवं नीतिगत कार्य सहित सभी विभागों के कोई भी कार्य नहीं हो पा रहे हैं एवं सरकार की हठधर्मिता के कारण आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मंत्रालयिक कर्मचारी 11 अगस्त तक सामूहिक अवकाश पर
महासंघ के प्रदेश महामंत्री रमेश चन्द्र शर्मा ने बताया कि राजस्थान के सभी 33 जिलोंसे महिला कर्मचारी महापड़ाव में सम्मिलित होकर बढ़-चढ़कर आंदोलन को गति प्रदान कर रही हैं। इसी क्रम में मंगलवार को आक्रोशित हजारों महिला मंत्रालयिक कर्मचारियों द्वारा मंत्रालयिक महिला शक्ति प्रदर्शन किया जाएगा।
मंत्रालयिक कर्मचारियों ने निकाली वाहन रैली
प्रदेश उपाध्यक्ष भवानी शंकर पंवार, सवाईमाधोपुर जिलाध्यक्ष कानसिंह एवं चित्तौड़गढ़ जिलाध्यक्ष राकेश मोढ़ ने कहा कि राज्य सरकार की उपेक्षा के कारण मंत्रालयिक कर्मचारी अपने समकक्ष संवर्गों से बहुत अधिक पिछड़ गया है। मंत्रालयिक कर्मचारी अब इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेगा।
मंत्रालयिक कर्मचारी नेताओं ने जलदाय विभाग कार्यालय में दिया धरना
प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष अशोक शर्मा एवं हनुमानगढ़ जिलाध्यक्ष इन्द्रजीत शर्मा ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी राज्य सरकार ने वेतन आयोग द्वारा कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी के बजाय कटौती की है। मंत्रालयिक कर्मचारी वेतन कटौती से भी त्रस्त हैं।
प्रदेश में मंत्रालयिक कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त, सरकार से 9 मांगों पर सहमति
प्रदेश संयुक्त मंत्री जुल्फिकार अली एवं अजय यादव ने कहा कि मंत्रालयिक कर्मी अपनी ग्रेड पे 3600, सचिवालय के समान वेतन-भत्ते एवं पदोन्नति, वेतन कटौती निरस्त किए जाने, पंचायतीराज सहित सभी विभागों में पदोन्नति के उच्च पदों के आंवटन सहित 9 सूत्री मांगों को लेकर लम्बे समय से संघर्षरत हैं।
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