जयपुर। राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा कि युवा पीढ़ी को भारतीय संविधान के प्रति जागरूक करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सभी राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क का निर्माण किया जाएगा। मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालयों के परिसरों में निर्मित इन संविधान पार्कों में संविधान की प्रस्तावना और संविधान की धारा 51 (क) में उल्लेखित मूल कर्तव्यों को प्रदर्शित किया जाएगा। संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों की पट्टिकाएं पार्कों में लगाई जाएंगी ताकि युवाओं को संविधान की जानकारी मिल सके। राज्यपाल ने कहा कि संविधान हमारा मूल ग्रन्थ है। उन्होंने कहा कि हमें प्रदेश में ऐसा वातावरण बनाना होगा कि जिससे संविधान लोगों के मन-मस्तिष्क में छा जाए। कुलाधिपति मिश्र ने कहा कि प्रस्तावना संविधान की मूल भावना है और मौलिक कर्तव्य संविधान का प्रमुख स्तम्भ है। भारत के संविधान पर विश्वविद्यालयों में भाषण प्रतियोगिता करायी जाएं ताकि युवाओं को संविधान की जानकारी हो सके। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
राज्यपाल एवं कुलाधिपति मिश्र ने कहा कि राजभवन राज्य का प्रतीक होता है। राजभवन राज्यपाल के साथ कुलाधिपति का भी भवन है। इसलिए राजभवन में एक विश्वविद्यालय पार्क बनाया जाएगा। इस पार्क में राज्य के प्रत्येक विश्वविद्यालय द्वारा निर्मित स्मार्ट माॅडल का प्रदर्शन होगा। राज्यपाल ने सभी कुलपतियों को माॅडल के लिए विषय तय करने और उस पर कार्य करने की सीमा तीन महीने दस दिवस निश्चित की है। राज्यपाल का मानना है कि राजभवन में विश्वविद्यालय पार्क विकसित होने के बाद राजभवन को लोगों को देखने के लिए भी खोला जाएगा।
राज्यपाल कलराज मिश्र शुक्रवार को यहां राजभवन में कुलपति संवाद की अध्यक्षता कर रहे थे। संवाद में राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार और प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्द राम जायसवाल सहित प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण मौजूद थे।
राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा कि राज्य के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों को एक सूत्र में जोड़ा जाएगा। अब सभी विश्वविद्यालयों को अंतर विश्वविद्यालय क्रीडा उत्सव में भाग लेना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि इस क्रीडा उत्सव में चांसलर ट्राफी उत्कृष्ट विश्वविद्यालय को दी जाएगी। यह खेल उत्सव प्रतिवर्ष होंगे। चांसलर ट्राफी चल होगी। प्रत्येक वर्ष यह ट्राफी दी जाएगी।
राज्यपाल मिश्र ने कहा है कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आज विद्यार्थियों के बढ़ते नामांकन को देखते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का लक्ष्य आसान नहीं है। किंतु वैश्विक परिप्रेक्ष्य की चुनौतियों को देखते हुए इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अनवरत प्रयास करने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने कहा कि वे मानते हैं कि यदि उच्च शिक्षा के लिए समेकित प्रयास किए जाएं तो राज्य की उच्च शिक्षा को अवश्य ही नई दिशा मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालय एक प्लेटफार्म पर आएं। अपनी समान समस्याओं और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए साझा प्रयास करें। राज्यपाल मिश्र ने कहा कि स्मार्ट विश्वविद्यालय बनाने होंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि इस संवाद से उच्च शिक्षा के महत्वपूर्ण विषयों पर लक्ष्यों की प्राप्ति होगी।
राज्यपाल ने चिंता व्यक्त की है कि राज्य का कोई भी विश्वविद्यालय प्रथम 100 विश्वविद्यालयों में शामिल नहीं है। राज्यपाल ने कहा कि हमें ऐसे प्रयास करने होंगे कि राज्य के विश्वविद्यालय प्रथम 100 विश्वविद्यालयों की गिनती में आ सके। राज्यपाल ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालय अन्य भारतीय विश्वविद्यालयों व विदेशी शैक्षणिक संस्थानों के साथ अकादमिक सहयोग का वातावरण विकसित करें ताकि उन संस्थाओं द्वारा किए जा रहे नवाचारों एवं ज्ञान का आमेलन राज्य के विश्वविद्यालयों में किया जा सके।
राज्यपाल ने कहा कि कौशल विकास इस समय की महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विश्व परिदृश्य में देशों की औसत आयु 40-50 वर्षों के बीच है। भारत में जनसंख्या की आयु 29 वर्ष है। मिश्र ने कहा कि भारत युवाओं का देश है। राज्यपाल का मानना था कि युवाओं को समेकित कौशल संवर्धन से जोड़ा नहीं गया तो यही युवा शक्ति देश के विकास में रूकावट भी पैदा कर सकती है। उन्होंने कहा कि हमें युवाओं के हाथों में काम देने के प्रयासों को तरजीह देनी होगी। राज्यपाल ने कहा कि समाज की मानसिकता को बदलना होगा। युवाओं को रोजगारन्मुखी कौशल प्राप्त करने के लिए प्रेरित करना होगा।
कुलाधिपति मिश्र का मानना था कि चुनौतियां बहुत है। अपने मूलभूत संस्कारों एवं वैचारिक दृढ़ता के कारण भारत एक महान देश है। उच्च शिक्षण संस्थाओं को राष्ट्र को महान बनाने के कार्य में सक्रिय भागीदारी निभानी होगी। संवैधानिक मूल्यों को शिक्षकों एवं विद्यार्थी के अन्र्तमन में पुनस्र्थापित करना होगा।
इस संवाद कार्यक्रम में विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली के क्रियान्वयन, विश्वविद्यालयों में लंबित कोर्ट केस की स्थिति, परीक्षा प्रणाली में सुधार एवं केन्द्रीय मूल्यांकन पद्धति, राज्य स्तर पर अंतर विश्वविद्यालय क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन, युवा शक्ति को निकटतम परिवेश के सामाजिक सरोकार संबंधी विषयों से जोड़ना और प्राकृतिक संसाधनों का युक्ततम उपयोग पर चर्चा हुई। पूर्व कुलापति डाॅ. ए.के. गहलोत ने राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों की वित्तीय स्थिति को सुदृण और स्मार्ट विश्वविद्यालय के संदर्भ में, कौशल विकास हेतु कॉन्क्रेट डिग्री के लिए कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. ललित के पंवार ने तथा स्मार्ट विलेज पर राजभवन के जनजातीय कल्याण प्रकोष्ठ द्वारा प्रस्तुतीकरण दिया गया।
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