जयपुर। प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने गुरूवार को शिक्षा संकुल स्थित सभागार में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत ऑनलाईन लाॅटरी निकाली। उन्होंने 36 हजार 281 पात्र गैर सरकारी विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2020-21 में निःशुल्क सीट्स पर प्रवेश हेतु वरीयता क्रम निर्धारण के लिए यह ऑनलाईन लाॅटरी निकाली। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
डोटासरा ने बताया कि निःशुल्क सीट्स पर प्रवेश के अंतर्गत 31 हजार 480 विद्यालयों के लिए ऑनलाईन आवेदन प्राप्त हुए। उन्होंने बताया कि पात्र 4801 विद्यालय ऐसे रहे हैं जिनके लिए एक भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि निःशुल्क सीट्स पर प्रवेश के लिए प्रदेशभर से 1 लाख 91 हजार 158 बालक-बालिकाओं ने 8 लाख 60 हजार 512 ऑनलाईन आवेदन किए। उन्होंने बताया कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के दिशा निर्देशों के तहत एक आवेदनकर्ता अधिकतम 15 विद्यालयों के लिए आवेदन कर सकता है। लाॅटरी के लिए 1 लाख 91 हजार 158 आवेदकों में 1 लाख 2 हजार 847 बालकों ने और 88 हजार 300 बालिकाओ के आवेदन सम्मिलित हैं। लाॅटरी में 11 थर्ड जेण्डर आवेदक रहे हैं।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि निःशुल्क सीट्स पर आवेदन के लिए सामान्य वर्ग के 34007 आवेदकों ने 204062 आवेदन, ओबीसी के 89790 आवेदनकों ने 399843 आवेदन, एसबीसी के 6088 आवेदकों ने 13421, एससी के 36636 ने 146743, एसटी के 9892 ने 29404, अनाथ 482 ने 2142, कैंसर और एचआईवी प्रभावित 263 आवेदकों ने 1297 आवेदन, 649 युद्ध विधवाओं के 3170, निःशक्त जन के 327 आवेदकों के 1343 तथा बीपीएल के 13024 आवेदको के 59087 आवेदन आॅनलाईन प्राप्त हुए।
राजस्थान प्राथमिक शिक्षा परिषद् के आयुक्त बी.एल. मीणा ने बताया कि लाॅटरी द्वारा जारी वरीयता सूची को अभिभावक विद्यालयवार प्राइवेट स्कूल वेबपार्टल के होम पेज पर “वरीयता सूची“ पर क्लिक करके देख सकते हैं। उन्होंने बताया कि अभिभावक अपने आवेदन कीे आईडी नम्बर व मोबाइल नम्बर से लाॅगिन करके अपने बालक-बालिका का वरीयता क्रमांक सभी आवेदित विद्यालयों में एक साथ देख सकते हैं। यह सुविधा मोबाइल एप पर भी उपलब्ध है। आॅनलाइन लाॅटरी द्वारा वरीयता क्रम निर्धारण के बाद प्रवेश के इच्छुक सभी अभिभावकों को दिनांक 07.08.2020 तक सम्बन्धित विद्यालय में आवेदन का प्रिंट मय संलग्नक एवं रिपोर्टिंग प्रपत्र उपस्थित होकर जमा करवाना है। इसके बाद प्रवेश कार्य प्रारंभ हो जाएगा। प्रवेश देते समय विद्यालयों द्वारा बालकों की पात्रता से संबंधित दस्तावेजों की गहनता से जांच के निर्देश दिए गए है।
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