जयपुर । ‘स्वामित्व योजना’ में अप्रेल माह की तुलना में इस माह तक
सर्वे ऑफ इण्डिया को ग्रामों के करीब बीस गुना नक्शे शुद्धिकरण के लिए
पंचायती राज विभाग द्वारा प्रेषित कर दिए गए हैं। पंचायती राज विभाग के
शासन सचिव श्री नवीन जैन ने बताया कि यह योजना ड्रोन सर्वे की सहायता से
प्रदेशभर में राजस्व गांवों में आबादी क्षेत्र की सम्पत्ति के डिजिटल पट्टे
जारी करने से सम्बन्धित है। योजना की नियमित समीक्षा के चलते राज्य में
अभी तक 12 जिलों में 5 हजार 557 गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण का कार्य पूर्ण
कर लिया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जैन ने बताया कि राज्य
में वर्तमान में 11 जिलों, जैसलमेर, जयपुर, जोधपुर, पाली, बूंदी, टोंक,
अजमेर, श्रीगंगानगर, जालोर, बांसवाड़ा व प्रतापगढ़ में ड्रोन सर्वेक्षण का
कार्य प्रगतिरत है, जबकि दौसा जिले में यह कार्य पूर्ण किया जा चुका है और
वहां नक्शों का कार्य अभी जारी है। इसके साथ ही 3 और जिलों हनुमानगढ़,
डूंगरपुर व सिरोही में भी भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा ड्रोन तैनाती की
कार्यवाही की जा रही है।
उन्होंने बताया कि राज्य
में वर्तमान में 14 ड्रोन टीमें कार्यरत हैं। भारतीय सर्वेक्षण विभाग
द्वारा सर्वेअधीन 14 जिलों की 40 पंचायत समितियों में रोस्टर के अनुसार
गांवों का ड्रोन सर्वे कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। दौसा सहित सभी 15
जिलों के जिला मुख्यालय व पंचायत समितियों के अधिकारियों, कार्मिकों को
स्वामित्व योजना के सम्बन्ध में गहन प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।
जैन ने बताया कि दौसा जिले में ग्रामों के 99 नक्शों को अंतिम रूप से
परिशुद्ध करने के लिए मेप-2 के नोटिफिकेशन जारी किए गए हैं। इसी प्रकार
जयपुर जिले में मेप-2 के लिए ग्रामों में 22 नोटिफिकेशन जारी किए गए हैं।
जयपुर में 2 ग्रामों के नक्शे अनुमोदित हो चुके हैं और 1 नक्शा पट्टे जारी
करने के लिए तैयार है। श्री जैन ने बताया कि योजना के तहत अभी तक जैसलमेर
जिले में 43 गांवों में 664 प्रोपर्टी कार्ड्स वितरित किये जा चुके हैं।
उल्लेखनीय
है कि पंचायतीराज दिवस 24 अप्रेल 2020 को प्रारम्भ हुई स्वामित्व योजना के
पायलट फेज में प्रदेश के दो जिलों जैसलमेर और दौसा को भी शामिल किया गया
था। इसके बाद यह योजना 24 अप्रेल 2021 से सम्पूर्ण देश में प्रारम्भ हो
चुकी है। जैन ने बताया कि स्वामित्व योजना देशव्यापी एक
बड़ी परियोजना है। इस योजना में एकत्र नक्शों और ग्रासरूट डेटा का लाभ
डिजिटल पट्टों के साथ-साथ विभिन्न विकास योजनाओं में कई रूप में प्रदेश और
देश को मिलेगा। इस योजना में पंचायती राज विभाग, राजस्व विभाग एवं भारतीय
सर्वेक्षण विभाग संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं।
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