जयपुर । राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में परम्परागत चिकित्सा प्रणालियों के विकास एवं विस्तार के लिए निरन्तर महत्वपूर्ण फैसले लिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 100 आयुष चिकित्सालयों/औषधालयों में यूनानी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। साथ ही, इन सुविधाओं के संचालन के लिए कुल 200 पदों के सृजन के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इन 100 आयुष चिकित्सालयों/औषधालयों में यूनानी चिकित्सा उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक में यूनानी चिकित्साधिकारी तथा यूनानी कनिष्ठ नर्स/कम्पाउण्डर के 1-1 पद का सृजन किया जाएगा। इनके लिए 20 लाख रुपए लागत से आवश्यक फर्नीचर एवं उपकरणों की खरीद भी की जाएगी। श्री गहलोत के इस निर्णय से प्रदेश में परम्परागत चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा मिलेगा।
जयपुर में 18, जोधपुर में 16, भरतपुर में 8, सीकर में 6, अजमेर व सवाईमाधोपुर में 5-5, उदयपुर, दौसा व झुंझुनूं में 4-4, नागौर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा व चूरू में 3-3, कोटा, जालोर, जैसलमेर व राजसमंद में 2-2, अलवर, बीकानेर, बूंदी, धौलपुर, हनुमानगढ़, करौली, पाली, प्रतापगढ़, श्रीगंगानगर व टोंक में 1-1 आयुष चिकित्सालय/औषधालय में यूनानी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी।
उल्लेखनीय है कि गहलोत ने बजट वर्ष 2023-24 में 100 आयुष चिकित्सालयों/औषधालयों में यूनानी चिकित्सा उपलब्ध कराने की घोषणा की थी।
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