जयपुर। प्रदेश में वर्ष 2023 तक विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाओं के कारण युवाओं में व्याप्त निराशा को दूर करने के लिए राज्य सरकार के निर्देश पर राजस्थान पुलिस की 'स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम'(एसआईटी) ने विगत एक साल के दौरान एक के बाद एक अनेक प्रभावी कार्रवाइयों को अंजाम देकर नई नजीर पेश की है।
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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश में नई सरकार का नेतृत्व संभालने के तुरंत बाद 16 दिसम्बर 2023 को पेपर लीक से सम्बंधित प्रकरणों की गहन जांच एवं नकल गिरोह से जुड़े आरोपियों की धरपकड़ करते हुए हताश युवाओं के विश्वास को लौटाने के लिए अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, एटीएस एवं एसओजी के नेतृत्व में 'एसआईटी' के गठन का निर्णय लिया था। एसआईटी ने प्रदेश में पेपर लीक की रोकथाम के लिए इस सम्बन्ध में दर्ज मामलों में न केवल जाँच को त्वरित तरीके से आगे बढ़ाया है, बल्कि दोषियों के विरूद्ध सख्त से सख्त एक्शन से जताया है कि राज्य सरकार युवाओं को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
एक साल में आरपीएससी की 145 एवं आरएसएसबी की 25 परीक्षाएं बिना पेपर लीक के आयोजित
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) उत्कल रंजन साहू ने बताया कि राजस्थान पुलिस की 'एसआईटी' ने पिछले एक साल के अंतराल में पेपर लीक के अनेकानेक अपराधियों और पेपर लीक के मामलों में सम्मिलित गैंग के सरगनाओं की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट संदेश दिया है कि प्रदेश में कानून के साथ खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 'एसआईटी' की निर्णायक कार्रवाईयों से बने माहौल के बीच प्रदेश में गत एक साल में राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) की 145 एवं राजस्थान अधीनस्थ सेवा बोर्ड (आरएसएसबी) की 25 परीक्षाएं बिना पेपरलीक पारदर्शी तरीके से आयोजित की गई है।
सरगना, सहयोगी और गलत तरीकों से लाभान्वित परीक्षार्थी सलाखों के पीछे
डीजीपी श्री साहू ने बताया कि प्रदेश में जेईएन पेपर लीक एवं उप निरीक्षक पुलिस एवं प्लाटून कमान्डर भर्ती परीक्षा—2021 के पेपर लीक में सम्मिलित मुख्य गैंग सरगनाओं के साथ-साथ उनके सहयोगी तथा गलत तरीके से लाभान्वित हुए परीक्षार्थियों को भी गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से अनेक आरोपी वर्तमान में भी सलाखों के पीछे हैं। उन्होंने बताया कि 'एसआईटी' द्वारा परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं के बारे में अलग—अलग स्रोतों से प्राप्त शिकायतों के आधार पर 2300 से अधिक परिवादों की जांच की जा रही है। अब तक 94 एफआईआर दर्ज की गई है, वहीं पेपर लीक मामलों में 244 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, इनमें से 176 आरोपी मौजूदा समय में जेल में है।
डमी कैंडिडेट्स के सहारे चयन के आरोपी भी आएं गिरफ्त में
अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) पुलिस, एटीएस और एसओजी तथा 'एसआईटी' के प्रमुख श्री वीके सिंह ने बताया कि प्रदेश में कैलेंडर वर्ष 2024 के दौरान एसओजी के थाने पर पेपर लीक, डमी अभ्यर्थियों के सहारे चयन तथा प्राइवेट विश्वविद्यालयों द्वारा फर्जी डिग्री सर्टिफिकेट थोक में जारी करने और इनका बड़े स्तर पर इस्तेमाल करते हुए सरकारी नौकरियां प्राप्त करने से जुड़ी 91 एफआईआर रजिस्टर की गई। उन्होंने बताया कि एसआईटी की जांच में विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थी बैठाकर अनुचित साधनों के प्रयोग से चयनित होने वालों की संख्या बहुत अधिक होने का खुलासा हुआ। यह भी एक पेपर लीक जैसी गम्भीर समस्या थी, जो कि अब तक दबी हुई थी। एसआईटी ने इसे उजागर कर परीक्षा प्रणाली में सुधार करवाए हैं।
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