भरतपुर। बारिश के लिए इंद्र देव को मनाने हेतु अन्न-जल त्याग
धार्मिक अनुष्ठान पर बैठी एक मासूम नाबालिग सहित आधा दर्जन महिला ब युवक
युबतियों के नियमित रूप से रोजाना स्वास्थ्य परिक्षण करने के निर्देश
चिकित्सा विभाग को दिए गए हैं वहीं हल्का पटवारी और गिरदावरों को मौके पर
रहने के लिए पाबंद कर दिया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गौरतलब है कि भरतपुर के कस्वा भुसाबर
सहित क्षेत्र के गांव दीवली, नगला नाथू और अटारीपुरा में अन्नजल त्याग कई
कई लोग धार्मिक अनुष्ठान कर रही है। क्षेत्र के तहसील दार ने बताया कि गांव
दीवली में दो अलग-अलग स्थानों पर एक महिला सुनीता जाट खेत में बैठकर 6 दिन
से धार्मिक अनुष्ठान कर रही है। दीवली गांव का ही मदन धोबी अपने घर के
बाहर चार दिन से, गांव नाथू का नगला में भजन जाट एवं गांव अटारीपुरा में
बालिका प्रार्ची देवी, भुसावर कस्बे में मीणाओं की ढाणि में दो चचेरी बहनें
शिवाणी मीना और अर्चना मीना घर के बाहर तीन दिन से अन्न जल का त्याग कर
इंद्र देव को रिझाने के लिए धार्मिक अनुष्ठान कर रही है।
इन सभी को समझाने की कोशश की जा चुकी है। बताया गया है कि
धार्मिक अनुष्ठान के अपेक्षित परिणामो में हो रहे बिलंब से माता-पिता और
अन्य घरवालों के साथ-साथ अब प्रशासन की भी चिंता बढ़ने लगी है।
धार्मिक अनुष्ठान में लगे इन लोगो के स्वास्थ
में गम्भीर गिरावट भी हो सकती है। बेसे इंद्रदेव के प्रकोप से खेतों में
सूख रही फसल को बचाने के लिए लोगों ने अपने खेतों की सिंचाई करना भी
प्रारम्भ कर दिया है। किसानों का कहना है कि अनाज तो कहीं से भी ले आएंगे,
लेकिन पशुओं को चारा कहां से लाएंगे।
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