चंडीगढ़ । पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को कहा कि रक्षा मामलों की संसदीय समिति की बैठक से राहुल गांधी का वॉकआउट करना पूरी तरह जायज है। पंजाब के मुख्यमंत्री सिंह ने लोकसभा अध्यक्ष से समिति के कामकाज को देखने का आग्रह किया और कहा कि यह 'निर्थक' है कि समिति के सदस्य चीन और पाकिस्तान से संयुक्त खतरे से निपटने के तौर-तरीकों की जगह इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि जूतों तथा वर्दी के बटनों पर किस प्रकार की पॉलिश होनी चाहिए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने बुधवार को समिति की बैठक से यह आरोप लगाते हुए बहिर्गमन किया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दे की जगह सशस्त्र बलों की वर्दी के मुद्दे पर चर्चा कर समय व्यर्थ नष्ट किया जा रहा है।
सिंह ने एक बयान में कहा, "जब चीन और पाकिस्तान भारत के समक्ष खतरा बनकर खड़े हैं तो समिति को जूतों और बटनों पर पॉलिश की जगह रणनीतिक सुरक्षा मुद्दों तथा सशस्त्र बलों की तात्कालिक जरूरतों पर चर्चा करनी चाहिए थी।"
उन्होंने कहा, "जो लोग रक्षा बलों के बारे में कुछ नहीं जानते, अब उन्हें इन समितियों में बैठाया जाता है और हम उनसे देश की रक्षा की उम्मीद करते हैं।"
मुख्यमंत्री ने कहा, "समिति में ऐसे राजनीतिक नेता बैठ रहे हैं, जिन्हें हमारे इतिहास तथा सशस्त्र बलों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।"
उन्होंने कहा कि अध्यक्ष को समझना चाहिए कि समिति की इन बैठकों में राष्ट्र के व्यापक हित में किन मुद्दों पर चर्चा की जानी चाहिए।
इन बैठकों में बहस के स्तर को उठाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मंच वर्दी के बटन और जूते पॉलिश जैसे मुद्दों पर चर्चा करने के लिए नहीं है।
उन्होंने जोर दिया कि सेना के वरिष्ठ अधिकारी छोटे मामलों के बारे में बात करने के लिए नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के अधिक महत्वपूर्ण विषयों और सुरक्षा बलों की चिंताओं पर चर्चा करने के लिए समिति की बैठकों में भाग लेते हैं, जो हर दिन वहां लड़ रहे हैं, और शहीद हो रहे हैं।
सिंह ने कहा कि गांधी ने बैठक से बहिर्गमन कर बिलकुल ठीक किया, जो अधिक महत्वपूर्ण तथा बड़े मुद्दों पर चर्चा करना चाहते थे, लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया गया।
उन्होंने समिति के सदस्य के रूप में अपने स्वयं के अनुभव को याद किया, एक बार जब इंदिरा गांधी अध्यक्ष थीं और एक अन्य अवसर पर जब मेजर जनरल बी.सी. खंडूरी ने पैनल का नेतृत्व किया था।
उन्होंने कहा, "हमें स्वतंत्र रूप से बोलने की अनुमति दी गई थी। इंदिरा रक्षा मंत्री थीं और सशस्त्र बलों की जरूरतों को समझती थीं।"
पंजाब के मुख्यमंत्री ने दुख व्यक्त करते हुए कहा, "अब जो किया जा रहा है, वह उन पोषित परंपराओं को समाप्त करने का एक प्रयास है।"
--आईएएनएस
महाराष्ट्र : एकनाथ शिंदे ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, देवेंद्र फडणवीस बने डिप्टी सीएम, देखें तस्वीरें
एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने खेला बड़ा दांव, बढ़ गई उद्धव ठाकरे की मुश्किलें, जानिए कैसे ?
3.59 करोड़ लोग चूल्हा फूंकने को मजबूर, इतने नकली आंसू कैसे बहा लेते हैं प्रधानमंत्री जी? : राहुल गांधी
Daily Horoscope