चंडीगढ़। पंजाब
के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह रविवार को मानसा से किसान ऋण माफी
योजना की औपचारिक तौर पर शुरूआत करेंगे जिससे पहले चरण में कुल 5.63 लाख
किसानों को लाभ मिलेगा।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यहां एक प्रेस कांन्फेंस को संबोधित करते हुये अतिरिक्त मुख्य सचिव
(सहकारिता) डी पी रैड्डी तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) विश्वजीत खन्ना
ने कहा कि 31 मार्च, 2017 तक सहकारिता संस्थाओं से लगभग 2700 करोड़ का ऋण
लेने वाले लगभग 5.63 लाख किसानों की पहचान लाभार्थीयों के तौर पर पहले ही
की जा चुकी है । ऋण माफी संबंधी समूची प्रक्रिया 4 नियोजित चरणों में
संपूर्ण होगी और पहले चरण के दौरान कल ऋण माफी प्रमाण पत्र लाभार्थीयों को
वितरित किये जायेंगे।
उन्होंने
बताया कि अबतक पूरे पंजाब में 3.20 लाख किसनों की प्रमाणिकता की प्रक्रिया
पूर्ण की जा चुकी है। पूरे पंजाब में 1.60 लाख के ऋण मामलों के लिए 748
करोड़ रूपये के ऋण को स्वीकृति दी जा चुकी है। इस अभियान की शुरूआत मानसा
से होगी जिसमें लगभग 47000 योग्य सीमांत तथा छोटे किसानों को 167.39 करोड़
रूपये के ऋण माफी प्रमाणपत्र वितरित किए जाऐंगे। यह प्रमाणपत्र 5 जिलों
मानसा, बठिंडा, फरीदकोट, मुक्तसर तथा मोगा के 701 प्राथमिक कृषि सहकारी
सभाओं से ऋण लेने वाले सीमांत तथा छोटे किसानों को दिये जायेंगे।
रेड्डी ने आगे बताया कि योग्य किसानों की सूची तैयार करने के लिए सहकारी
विभाग ने कृषि तथा राजस्व विभागों के सहयोग से व्यापक योजना तैयार की है।
इस संबंध में लाभार्थीयों के समाजिक ऑडिट तथा पुख्ता जांच पर बल दिया जा
रहा है तथा इसकी निरंतर निगरानी की जा रही है। राज्य सरकार द्वारा योग्य
लाभार्थीयों की सुविधा के लिए एक वैब पोर्टल भी जारी किया गया है।
रैड्डी ने बताया कि राज्य सरकार की योजना के अनुसार ऋण माफी की प्रक्रिया 4
चरणों में संपूर्ण की जायेगी। पहले चरण के दौरान सीमांत किसानों की पड़ताल
करके ऋण राहत प्रमाण-पत्र वितरित किये जायेंगे तथा इनके अलावा अन्यों को
भी चरणबद्ध ढंग से गहन पड़ताल के उपरांत प्रमाणपत्र दिये जायेंगे। जिन
योग्य किसानों के पास आधार कार्ड नहीं हैं या उनका आधार कार्ड बैंक अथवा
राजस्व रिकार्ड से मेल नही खाता, उनकी पड़ताल मैन्यूअल रूप से करके दूसरे
चरण में शामिल कर लिया जायेगा।
रैड्डी ने बताया कि दूसरा चरण संपूर्ण होने के उपरांत छोटे किसानों के
रिकार्ड की जांच की जायेगी तांकि वे ऋ ण राहत प्राप्त कर सकें। यदि कोई
योग्य किसान किसी कारण तीनों चरणों के दौरान भी इस योजना से बाहर रह जाता
है तो उसको योजना के घेरे में लाने के लिए पुन: पड़ताल करके विचार लिया
जायेगा। यदि किसी मामले में सीमांत तथा छोटे किसान ऋण राहत की योजना से
वंचित रह जाते हैं तब वे अपना पक्ष रखने के लिए आवेदन सहकारी सभाओं के
सहायक रजिस्ट्रार या संबंधित जिले के एस डी एम जो उनकी संतुष्टि के अनुसार
शीघ्र सुनवाई कर सकता हो, के पास जमा करवा सकते हैं।
इस
संबंधी बताते हुये आज यहां श्री खन्ना ने बताया कि व्यापारिक तथा निजी
बैंकों से ऋण लेने वाले किसानों का निपटारा बाद में किया जायेगा। उन्होंने
बताया कि ऋण राहत योजना-2017 को पहले ही राज्य सरकार द्वारा नोटीफाई किया
जा चुका है जिसके अंतर्गत 2 लाख रुपये तक ऋण लेने वाले 2.5 एकड़ से कम भूमि
वाले सीमांत किसानों तथा 5 एकड़ से कम भूमि वाले छोटे किसानों को ऋण राहत
उपलब्ध करवाई जायेगी।
खन्ना ने स्पष्ट किया कि जिन मामलों में सीमांत किसानों ने एक से अधिक
बैंकों से ऋण लिया है, वे व्यापारिक बैंकों से लिये गये ऋण के लिए भी राहत
लेने के योग्य होंगे। यह राहत सहकारी बैंकों से लिये ऋण के लिए दी गई राहत
से अधिक होगी, पर कुल राहत 2 लाख रूपये तक ही मिलेगी।
खन्ना ने बताया कि पारदर्शिता लाने के लिए इस योजना हेतु सामाजिक ऑडिट को
अपनाया गया है। लाभार्थीयों की सूचियां गांवों में सार्वजनिक स्थानों पर
लगाई गई हैं तथा सामाजिक ऑडिट के दौरान उठने वाले प्रत्येक आपत्ति की
पड़ताल की जायेगी तथा इसका कृषि विभाग द्वारा निर्धारित विधि विधान द्वारा
निपटारा किया जायेगा।
मुख्यमंत्री
द्वारा किसानों से व्यक्त की गई वचनबद्धता को दोहराते हुये श्री खन्ना ने
कहा कि मानसा में होने वाले समारोह के दौरान उन सीमांत किसानों को ऋण राहत
उपलब्ध करवाई जायेगी जिनकी पड़ताल तथा अन्य आवाश्यक कार्रवाहीयां संपूर्ण
हो चुकी हैं। अन्य सीमांत किसानों के मामले पड़ताल अधीन हैं तथा राजस्व
विभाग द्वारा पड़ताल के लिए मूल्यांकन किया जा रहा है। इसके पश्चात उन छोटे
किसानों को भी ऋण राहत उपलब्ध करवाई जायेगी जो इस योजना के अंतर्गत योग्य
हैं।
इस दौरान खन्ना ने पत्रकारों को बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा ग्रामीण सडक़ों की
मुरम्मत तथा इनका स्तर उंचा उठाने के लिए व्यापक विकास योजना आरंभ की
जायेगी जिसके अंतर्गत 2 हजार करोड़ रुपये खर्च करके 16 हजार कि.मी सडक़ों की
कायाकल्प की जायेगी।
देशभर में दशहरे की धूम : लाल किले में रावण दहन, राष्ट्रपति मुर्मु और PM मोदी ने राम-लक्ष्मण को तिलक किया
जब झारखंड के सीएम ने रावण को 'कुलगुरु' बता पुतला दहन से कर दिया था इनकार
भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी चुनी
Daily Horoscope