चंडीगढ़ । गन्ना उत्पादकों और निजी चीनी मीलों को अपेक्षित राहत मुहैया करवाने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में मंत्रीमंडल ने 25 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से सब्सिडी मुहैया करवाने के लिए कार्योत्तर स्वीकृति दे दी है जो सीधे तौर पर गन्ना उत्पादकों (किसानों) के खातों में जायेगी। कुल 310 रुपए प्रति क्विंटल स्टेट ऐग्रिड प्राईस (एस.ए.पी.) में से बाकी बचते 285 रुपए प्रति क्विंटल निजी चीनी मीलों द्वारा पेराई सीजन 2018 -19 के लिए अदा किये जाएंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इसका उद्देश्य पेराई सीजन 2018 -19 के लिए किसानों को गन्नों का समय पर भुगतान और मीलों की आर्थिक व्यवहार्यता को यकीनी बनाना है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 5 दिसंबर, 2018 को हुई एक मीटिंग में लिए गए फ़ैसले के बाद यह फ़ैसला लिया गया है।
गौरतलब है कि पेराई सीजन 2018 -19 के लिए सरकार ने पेराई मीलों को 15 नवंबर, 2018 से चलाने के लिए फ़ैसला किया था। इसके अनुसार सहकारी चीनी मीलों द्वारा पेराई शुरू की गई थी परन्तु किसी भी निजी चीनी मिल ने निर्धारित समय तक अपने -अपने आरक्षित क्षेत्र में अनुमान /सर्वे /पेराई की प्रक्रिया शुरू नहीं की। इन मीलों के मालिक गन्नों की खरीद भारत सरकार द्वारा निर्धारित वाजिब और लाभप्रद भाव (एफ.आर.पी.) 275 रुपए प्रति क्विंटल के अनुसार करना चाहते थे। जबकि राज्य सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी करके एस.ए.पी. के आधार पर जल्दी, दरमियाना और देर से पकने वाली किस्म के लिए क्रमवार 310 रुपए, 300 रुपए और 295 रुपए प्रति क्विंटल भाव निर्धारित किया था। निजी चीनी मीलों द्वारा अपनाए गए रूख के कारण गन्ना उत्पादकों में रोष था जिन्होंने राज्यभर में धरने लगाने शुरू कर दिए थे।
Politics At Peak : अमेठी में कांग्रेस नेता सुबह भाजपा में गए, शाम को घर वापसी
वोटिंग ऑफर : अंगुली पर लगी नीली स्याही दिखाकर दो दिन 50 प्रतिशत तक की छूट ले सकेंगे मतदाता
भाजपा उम्मीदवारों को जनता समझती है, वोट की चोट से देगी जवाब : दिग्विजय चौटाला
Daily Horoscope