कपूरथला। शहर सुल्तानपुर लोधी के रेलवे स्टेशन के सामने बसे गांव सुल्तानपुर रूलर में स्थित प्राइमरी स्कूल एक ही कमरे में संचालित किया जा रहा है। यहां पढऩे वाले गरीब बच्चों के लिए संसाधन व सुविधाओं के अभाव का आलम यह है कि बच्चों के बैठने के लिए न समुचित जगह है और ना ही शौचालय की व्यवस्था है। बरसात के दिनों में तो हालात और भी बद्तर हो जाते हैं। पानी की निकासी नहीं होने के चलते जल भराव की समस्या बन जाती है। वर्तमान में यहां अध्यनरत 131 छात्र-छात्राओं को बदहाली के माहौल में पढ़ाई करनी पड़ रही है।
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एक ओर तो प्रदेश सरकार की ओर से प्राथमिक शिक्षा को बेहतर बनाने पर जोर दिया जा रहा है। सरकार की कोशिश है कि निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में भी बच्चों को वैसी ही सुविधाएं मिलनी चाहिए। लिहाजा, हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं, लेकिन सरकार की ओर से खर्च की जाने वाली इस धनराशि का जमीनी स्तर पर असर नजर नहीं आता। यहां तक कि शिक्षा के स्तर और संसाधनों में भी कोई इजाफा नहीं हो सका है। सरकारी स्कूल कहीं खुले आसमान के नीचे तो कहीं किराए के जर्जर भवनों में चल रहे हैं। विद्यालयों में शिक्षकों की कमी तो जैसे आम बात है।
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