मुंबई। महाराष्ट्र सरकार के लगभग 17 लाख कर्मचारी मंगलवार से तीन दिनों की हड़ताल पर जा रहे हैं। कर्मचारी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने सहित अन्य मांगों के समर्थन में हड़ताल पर जा रहे हैं। महाराष्ट्र राज्य कर्मचारी संगठन (एमएसईओ) के अध्यक्ष मिलिंद सरदेशमुख ने कहा कि तालुका स्तर तक के सभी कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे, जिसमें शैक्षणिक और चिकित्सा संस्थानों व अन्य विभागों के कर्मचारी शामिल होंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
हड़ताल के परिणामस्वरूप मुख्यालय, मंत्रालय, कलेक्टोरेट, तहसील और तालुका स्तर पर सभी सरकारी कार्यालयों में कामकाज प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा शैक्षणिक संस्थानों, चिकित्सा एवं अन्य संबंद्ध संस्थानों में भी कामकाज प्रभावित होगा। कर्मचारी नेता ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य राजपत्रित अधिकारी परिसंघ भी हड़ताल में शामिल होगा, क्योंकि उन्हें आशा है कि उनकी मांगें पूरी होंगी।
सरदेशमुख ने आईएएनस से कहा, ‘‘सरकार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आश्वासन के बावजूद हमारी मांगों पर बैठी हुई है, जिसमें वेतन आयोग की रपट लागू करना शामिल है, जिसे एक जनवरी, 2016 से प्रभावी होना है।’’सरकार यह कहते हुए मामले में देरी कर रही है कि वह इस मामले पर के.पी. बख्शी समिति की रपट का इंतजार कर रही है, क्योंकि वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने पर कर्ज के बोझ से दबे राज्य पर 21,000 करोड़ रुपये का भारी अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
--आईएएनएस
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