मुंबई। भारतीय विनिर्माण गतिविधियों में दिसम्बर माह में पिछले महीने की तुलना में मामूली गिरावट आई है। लेकिन मासिक तुलना में सूचकांक तेजी से गिरा है। सरकार के स्वामित्व वाले भारतीय स्टेट बैंक(एसबीआई) का संयुक्त सूचकांक विनिर्माण गतिविधि का एक संकेतक है, जो संकुचन और विस्तार की अवधि का अनुमान लगाने में सहायता करता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
बैंक की नवीनतम ईकोरैप रपट के मुताबिक, "दिसम्बर 17 में वार्षिक एसबीआई संयुक्त सूचकांक 53.1 (मध्यम वृद्धि) था, जबकि नवम्बर 17 में यह 53.0(मध्यम वृद्धि) रहा था। नवंबर में 51.2 (निम्न वृद्धि) की तुलना में दिसम्बर में एमओएम (महीने दर महीने) सूचकांक 50.6 (निम्न वृद्धि) रहा।"
बैंक के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्या कांति घोष द्वारा लिखी गई शोध रिपोर्ट में कहा गया है, "यह अगले कुछ महीनों में आईआईपी (औद्योगिक उत्पादन सूचकांक - सरकारी आंकड़ों की वृद्धि) में संभावित मंदी का संकेत है।"
संयुक्त सूचकांक में दो सूचकांक होते हैं - एसबीआई मासिक संयुक्त सूचकांक और एसबीआई वार्षिक संयुक्त सूचकांक।
रिपोर्ट में कहा गया है, "सूचकांक में लगातार नकारात्मक (सकारात्मक) माह-दर-माह का अनुमान वर्ष-दर-वर्ष सूचकांक में नकारात्मक (सकारात्मक) वृद्धि दर तक ले जाएगा।"
घोष ने कहा, "हालांकि हमें विश्वास है कि गति धीमी हो सकती है, लेकिन कुछ क्षेत्रों के लिए दृष्टिकोण काफी हद तक सकारात्मक दिखाई दे रहा है। उनमें से एक ऐसा क्षेत्र उर्वरक क्षेत्र है।"
एसबीआई के मुताबिक, 26 उर्वरक कंपनियों की वित्तीय संस्थाओं ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में संचलित आय और शुद्ध लाभ वृद्धि के मामले में परिचालन में सुधार की सूचना दी है।
--आईएएनएस
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