श्रीलक्ष्मी जयन्ती - शुक्रवार, 14 मार्च 2025
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - 13 मार्च 2025 को 10ः35 बजे ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पूर्णिमा तिथि समाप्त - 14 माच 2025 को 12ः23 बजे
मुंबई। श्रीलक्ष्मी जयन्ती देवी लक्ष्मी के प्रकटोत्सव के रूप में मनाई जाती है। देवी लक्ष्मी को धन-समृद्धि, सौभाग्य और वैभव की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा के दिन समुद्र मंथन के दौरान क्षीर सागर से देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। इसी कारण इस दिन को विशेष रूप से श्रीलक्ष्मी जयन्ती के रूप में मनाया जाता है।
फाल्गुन पूर्णिमा के समय प्रायः उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र होता है, जो देवी लक्ष्मी से सम्बंधित माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना कर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास किया जाता है। इस अवसर पर भक्तजन विधिपूर्वक लक्ष्मी पूजन, श्रीसूक्त पाठ एवं लक्ष्मी नामावली का जाप करते हैं।
श्रीलक्ष्मी जयन्ती के अवसर पर लक्ष्मी नारायण की विशेष आराधना की जाती है। कई स्थानों पर श्रीलक्ष्मी होम अनुष्ठान का आयोजन किया जाता है, जिसमें वेद मंत्रों, श्रीसूक्त तथा कनकधारा स्तोत्र का पाठ कर देवी लक्ष्मी से कृपा प्राप्त करने की प्रार्थना की जाती है।
इस दिन दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व बताया गया है, जिससे देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में धन-वैभव, सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। यह पर्व भक्तों के लिए आत्मिक और भौतिक समृद्धि की प्राप्ति का अवसर होता है, जिसमें श्रद्धा और विश्वास के साथ माता लक्ष्मी का आह्वान किया जाता है।
देवी श्रीलक्ष्मी नामावली....
ॐ आद्यलक्ष्म्यै नमः।
ॐ धनलक्ष्म्यै नमः।
ॐ धान्यलक्ष्म्यै नमः।
ॐ गजलक्ष्म्यै नमः।
ॐ सन्तानलक्ष्म्यै नमः।
ॐ वीरलक्ष्म्यै नमः।
ॐ विजयलक्ष्म्यै नमः।
ॐ ऐश्वर्यलक्ष्म्यै नमः।
ॐ धैर्यलक्ष्म्यै नमः।
ॐ जयलक्ष्म्यै नमः।
ॐ सौभाग्यलक्ष्म्यै नमः।
ॐ राज्यलक्ष्म्यै नमः।
ॐ वरलक्ष्म्यै नमः।
ॐ विद्यालक्ष्म्यै नमः।
॥ इति श्रीअष्टलक्ष्मीनामावलिः सम्पूर्णा ॥
- पं. प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, बॉलीवुड एस्ट्रो एडवाइजर
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