इंदौर| मध्यप्रदेश के मालवा अंचल के दौरे पर पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राज्य में 15 माह रही कांग्रेस की कमल नाथ के नेतृत्व वाली सरकार जमकर हमले बोलते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के काल में भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी के जैसे कीर्तिमान स्थापित हुए, वैसे अपने 20 साल के सार्वजनिक जीवन में नहीं देखे। सिंधिया ने मार्च में कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा का दामन थामा था और अब वे भाजपा की ओर से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हो चुके हैं। वह सोमवार की दोपहर को इंदौर पहुंचे। उन्होंने यहां संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए पूर्ववर्ती सरकार के काल में हुए भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी को लेकर आरोप लगाए और कहा कि अपने 20 साल के सावर्जनिक जीवन में ऐसा भ्रष्टाचार व वादाखिलाफी का कीर्तिमान नहीं देखा। यही कारण रहा कि 22 निर्वाचित जनप्रतिनिधि, जिनमें छह कैबिनेट मंत्री शामिल थे, ने ऐतिहासिक निर्णय लिया कि अत्याचारी, भ्रष्टाचारी के खिलाफ सड़क पर उतरकर जनता की सेवा की जाए। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कांग्रेस सोशल मीडिया के जरिए सिंधिया पर लगातार हमले बोल रही है। वीडियो भी जारी किए जा रहे हैं, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सिंधिया ने कहा, "राज्य में भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी की सरकार रही है, किसानों की कर्जमाफी योजना, कन्यादान योजना या आम भ्रष्टाचार चल रहा था, हमने अपनी बार-बार आवाज उठाई, लेकिन सुनी नहीं गई। हमें विश्वास है कि जनता हमारे साथ खड़ी है। पिछले तीन-चार माह से मीडिया में जो फिल्म आदि निकाल रहे हैं, उन्हें आगामी समय में जनता की अदालत में सबसे बड़ा जवाब मिलने वाला है।"
सिंधिया ने सीधे आरोप लगाया कि कांग्रेस में छटपटाहट है, वह जनता की सेवा के लिए नहीं है, वादों पर खरा उतरने के लिए नहीं, वह छटपटा रही है सिर्फ कुर्सी के लिए। वे चाहते हैं किसी भी तरह एक बार कुर्सी मिल जाए।
उन्होंने कहा, "हम लोगों को कुर्सी की फिक्र नहीं है, जैसा हम लोगों ने करके दिखाया है। छह कैबिनेट मंत्रियों ने एक क्षण नहीं लगाया सत्य का रास्ता पकड़ने के लिए।"
कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे आरोपों का सिंधिया ने अपने ही अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा, "मुझे इस बात का गर्व है कि जिस तरह मेरी दादी ने डीपी मिश्र की सरकार के समय सत्य का रास्ता अपनाया था, पिता माधवराव सिंधिया ने विकास कांग्रेस बनाकर जनता के हित में झंडा उठाया था, उसी परिवार की परंपरा को निभाते हुए मैंने जनता के लिए सत्य का झंडा उठाया है।"
सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह को त्रिमूर्ति की संज्ञा देते हुए कहा, "हमें विश्वास है कि इस त्रिमूर्ति के नेतृत्व में भारत का विकास और प्रगति ही सुनिश्चित नहीं होगा, बल्कि इसके साथ ही भारत का संविधान, भारत की एकता और अखंडता की रक्षा उनके हाथों में ही सुरक्षित है।"
--आईएएनएस
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