छतरपुर। बुंदेलखंड की पारंपरिक धरोहर को संजोते हुए, छतरपुर में इस बार कुछ अनोखा और मनोरंजक हुआ। अच्छी बारिश की कामना के साथ, यहां गधा और गधाईया का विवाह धूमधाम से संपन्न हुआ।
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गोवर्धन टॉकीज से लेकर चौक बाजार तक की सड़कों पर गाजे-बाजे, ढोल-नगाड़ों के साथ बारात निकाली गई। बारात में शामिल हर व्यक्ति झूमते-नाचते हुए इस अनूठी परंपरा का हिस्सा बना। गधा वर के रूप में और गधाईया वधू के रूप में सजाए गए। माला पहनाने से लेकर लड्डू खिलाने तक, हर रस्म पूरी शान से निभाई गई।
इस विवाह समारोह में न केवल हिंदू समाज के लोग, बल्कि मुस्लिम, सिख और ईसाई समुदाय के लोग भी शामिल हुए। सबने मिलकर जिले में अच्छी बारिश की कामना की। ढोल-नगाड़ों की गूंज और नाचते-गाते बारातियों की खुशियों ने माहौल को और भी रंगीन बना दिया।
इस अनोखे विवाह समारोह ने परंपराओं को जीवित रखने और समाज में भाईचारा बढ़ाने का संदेश भी दिया। निश्चय ही, यह एक ऐसा अनुभव था जिसे छतरपुर के लोगों ने न केवल महसूस किया बल्कि आने वाले वर्षों तक याद भी रखेंगे।
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