रांची। भाजपा को झारखंड विधानसभा चुनाव में ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) के साथ अलग होकर चुनाव लड़ना रघुवर दास सरकार को महंगा पड़ता नजर आ रहा है। झारखंड विधानसभा चुनाव में अभी तक आए रुझानों से साफ पता नजर आ रहा है कि भाजपा और आजसू मिलकर चुनाव लड़तीं तो प्रदेश की राजनीतिक सियासी तस्वीर दूसरी ही नजर आती और इनका गठबंधन स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में विराजमान होता। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
झारखंड चुनाव के आए रुझानों में भाजपा को 28 से 30 सीटों पर बढ़त मिलती दिख रही है तो आजसू 3-4 सीटों पर आगे चल रही है। जबकि, कांग्रेस-जेएमएम गठबंधन को 40-42 सीटों पर बढ़त है, जेवीएम 3 और अन्य दल 5 सीटों पर आगे चल रहे हैं। ऐसे में अगर भाजपा और जेएमएम मिलकर चुनावी मैदान में उतरते तो ये आंकड़े कुछ अलग हो सकते थे।
झारखंड के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 79 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। जबकि, आजसू ने 58 सीटों पर उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। ऐसे में साफ है झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से 58 सीट पर भाजपा-आजसू प्रत्याशी आमने-सामने थे और दोनों दलों के बीच वोट बंटवारा होने से काफी समस्या आई है।
लोकसभा चुनाव 2024 का पहला चरण - त्रिपुरा, सिक्किम में 80 फीसदी से ज्यादा मतदान, बिहार में 50 फीसदी से कम मतदान
राहुल की कप्तानी पारी, लखनऊ ने सीएसके को आठ विकेट से हराया
केन्या में भारी बारिश से 32 लोगों की मौत
Daily Horoscope