श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से जूझ रहे सुरक्षा बलों ने अब एक नया मंत्र अपनाने का फैसला किया है। सुरक्षा बलों द्वारा अब उन्हें जिंदा पकड़ो और उनकी समस्याओं को समझों मंत्र पर कार्य करना शुरू कर दिया। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को लेकर सुरक्षा बलों की रणनीति में यह बड़ा बदलाव आने वाले दिनों में देखने
को मिलेगा। सुरक्षा बलों की रणनीति में इस बदलाव का उद्देश्य आतंकवादी संगठनों में नए
शामिल होने वालों पर ध्यान केंद्रित करना और उन्हें अपने परिवारों के पास
लौटने के लिए प्रेरित करना है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सुरक्षा बलों का मानना है कि कश्मीर में ज्यादार 15 से 16 साल के लडक़ों का ब्रेनवॉश कर उन्हें आतंक की राह पर जबरन धकेला जा रहा है।
सद्दाम पद्दार, एसा फजल और समीर टाइगर जैसे कट्टर आतंकवादियों को खत्म करने की जरूरत पर बल देते हुए अधिकारियों ने कहा कि ये आतंकवादी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा, जयश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के कैडरों में शामिल नए लोगों का दिमाग है जो पढ़े-लिखे युवाओं को जबरन आतंक की सीख दे रहे हैं। शीर्ष आतंकवादी कमांडरों को मार गिराने के बाद अब
रणनीति में बदलाव के प्रयास किए जा रहे हैं।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमें ऐसे संकेत मिले हैं कि हाल ही शामिल होने वाले आतंकवादियों में से कई वापस लौटना चाहते हैं। कुछ अभिभावकों ने हमसे सम्पर्क
किया और हमें उनकी सामान्य जीवन और शिक्षा फिर से शुरू करने में मदद करने
में कोई परेशानी नहीं है।
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