श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर में
विधानसभा भंग करने के निर्णय की मुख्यधारा की पार्टियों द्वारा आलोचना के
बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अपने निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि
उन्होंने यह कदम इसलिए उठाया कि पूर्व में विरोधी रही पार्टियों का यह
महागठबंधन अवसरवादी था और यह राज्य के हित में नहीं था।
भाजपा के महासचिव राम माधव ने बयान दिया था कि संभव है कि पीपुल्स
डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस
पाकिस्तान के इशारे पर साथ आए हैं। उनके इस बयान का काफी विरोध हुआ।
उन्होंने बाद में इस बयान को वापस ले लिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जम्मू एवं कश्मीर के
पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) नेता उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार
को भाजपा नेता राम माधव से नेशनल कांफ्रेंस पर पाकिस्तान से संबंधों के
आरोपों को साबित करने या माफी मांगने की चुनौती दी।
उमर अब्दुल्ला
ने कहा कि मैं आपको (राम माधव को) अपने आरोपों को साबित करने की चुनौती देता
हूं। आप के पास रॉ, एनआईए, आईबी और सीबीआई (आपका तोता) हैं। इसलिए लोगों
के बीच सबूत पेश करने की हिम्मत दिखाएं। आरोप को साबित करें या फिर माफी
मांगने की क्षमता रखें। निशाना लगाकर भाग जाने की राजनीति नहीं करें।
उन्होंने
राम माधव और उनकी पार्टी को आरोप साबित करने की चुनौती देते हुए कहा कि आप
मेरे उन सहयोगियों का अपमान कर रहे हैं जिन्होंने पाकिस्तान के इशारों पर
नाचने से मना किया और जान से मारे गए।
अब्दुल्ला ने कहा कि यह पहली बार है कि राज्यपाल कार्यालय की फैक्स मशीन ने काम नहीं किया और यह लोकतंत्र की हत्या का कारण बना।"
उन्होंने
हलके-फुल्के अंदाज में कहा कि फैक्स मशीन में एकतरफा फैक्स की सुविधा है।
इसमें केवल आउटगोइंग है, इनकमिंग नहीं है। यह अद्भुत फैक्स मशीन है और इसकी
जांच होनी चाहिए।"
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